Somvati Amavasya:सोमवती अमावस्या पर इस तरह दूर करें कालसर्प व पितृ दोष, इन उपायों से धन से भर जाएगा घर

Somvati Amavasya : 20 फरवरी 2023 को सोमवती अमावस्या है। ये दिन भगवान शिव को भी समर्पित है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है।

Somvati Amavasya:सोमवती अमावस्या पर इस तरह दूर करें कालसर्प व पितृ दोष, इन उपायों से धन से भर जाएगा घर

On Somvati Amavasya remove Kalsarp and Pitra Dosha

Modified Date: February 19, 2023 / 10:04 am IST
Published Date: February 19, 2023 10:03 am IST

Somvati Amavasya remove kaal sarp and pitra dosh

Somvati Amavasya 2023: साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी दिन सोमवार को है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, ध्यान, जप-तप करने की परंपरा है। साथ ही पितरों को तर्पण और दान किया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सोमवती अमावस्या की तिथि पर कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति के लिए उपाय किए जाते हैं। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और कुछ ज्योतिषीय उपाय करने ना सिर्फ कालसर्प और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख-समृद्धि में भी वृद्धि के योग बनते हैं।

तो आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या पर कालसर्प और पितृ दोष से मुक्ति के उपाय कौन कौन से हैं।

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1- पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय

सोमवती अमावस्या की तिथि पर पीपल के वृक्ष पर जल और दूध चढ़ाएं। इसके बाद पांच तरह की मिठाई अर्पित करें। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए एक जनेऊ भी पीपल को अर्पित करें और दीपक जलाएं। इसके बाद ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करते हुए 108 बार परिक्रमा करें। फिर पेड़ पर बैठे कौओं और मछलियों को चावल व घी से बनाए लड्डू खिलाएं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में तरक्की के मार्ग खुलते हैं।

सोमवती अमावस्या की तिथि पर दक्षिण दिशा में कंडे की धूनी लगाकर केसर युक्त खीर उस पर अर्पित करें और हाथ जोड़ते हुए जाने-अनजाने अपराधों की क्षमा मांगे। ऐसा करने पितृदोष में कमी आती है और उत्तम फलों की प्राप्ति होती है।

2- कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन सुबह भगवान शिव की पूजा की विधिवत पूजा-अर्चना करते हुए रुद्राभिषेक करें। इसके बाद किसी तीर्थ स्थान पर जाकर चांदी के बने नाग-नागिन के जोड़ों की पूजा करें। फिर नाग-नागिन के जोड़े को नदी की धारा में प्रवाहित कर दें। फिर हाथ जोड़कर कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। ऐसा करने से ना सिर्फ कालसर्प दोष मुक्ति मिलेगी बल्कि धन-धान्य में वृद्धि होगी।

3- कष्ट निवारण के लिए करें ये उपाय

जीवन में कष्ट और परेशानियां चल रही हैं तो सोमवती अमावस्या की तिथि पर तुलसी माता की पूजा अवश्य करें। तुलसी पूजा में तुलसी को जल अर्पित करें और धूप-दीप जलाकर सुहाग का सामान भी दें। फिर श्रीहरि, श्रहरि मंत्र का जप करते हुए 108 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करने के बाद पितरों के नाम पर दान पुण्य करें। ऐसा करने से जीवन की मुसीबतें दूर होती हैं और धन समृद्धि में आने वाली अड़चन दूर होती हैं।

4- आरोग्य की प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

रोगों से मुक्ति के लिए सोमवती अमावस्या तिथि पर रोगी सूत से अपने नाप के बराबर एक सूत काट लें और फिर उसको पीपल पर लपेट दें, यह प्रचलित मान्यता है। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और शनि दोष भी दूर होता है। साथ ही जीवन नौकरी व व्यापार में तरक्की के योग बनते हैं।

5- आर्थिक संपन्नता के लिए करें ये उपाय

जीवन में आर्थिक संपन्नता और पितृ दोष से मुक्ति के लिए पांच रंग की मिठाई को पीपल के पत्ते पर रखकर पीपल के वृक्ष के पास रख दें। इसके बाद पितरों का ध्यान करें और तर्पण भी करें। फिर उस प्रसाद को गरीब व ब्राह्मण को दे दें या बच्चों में बांट दें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार में समृद्धि होती है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com