Rangbhari Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी रंगभरी एकादशी, जानें इस दिन क्यों भगवान विष्णु की जगह की जाती है भोलेनाथ की पूजा

Rangbhari Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी रंगभरी एकादशी, जानें इस दिन क्यों भगवान विष्णु की जगह की जाती है भोलेनाथ की पूजा Rangbhari Ekadashi Kab Hai

Rangbhari Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी रंगभरी एकादशी, जानें इस दिन क्यों भगवान विष्णु की जगह की जाती है भोलेनाथ की पूजा

Rangbhari Ekadashi Kab Hai

Modified Date: March 14, 2024 / 10:43 pm IST
Published Date: March 14, 2024 10:43 pm IST

Rangbhari Ekadashi 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्रों में तीज-त्योहारों का खास महत्व होता है। वहीं, बात जहां एकादशी की हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। लेकिन, एक ऐसी एकादशी है, जिसमें विष्णु नहीं बल्कि भोलेनाथ की पूजा की जाती है। हालांकि उस दिन ही आमलकी एकादशी मनाई जाती है। इस साल रंगभरी एकादशी 20 मार्च दिन बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन जो लोग व्रत रखते हैं और कुछ उपाय करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।

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रंगभरी एकादशी का महत्व

मान्यता है, कि रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे। तब उनके भक्तों ने उनका स्वागत रंग और गुलाल से किया था। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल रंगभरी एकादशी मनाई जाती है और उस दिन शिव जी की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ और माता गौरी को पूजा में गुलाल अर्पित करते हैं।

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Rangbhari Ekadashi 2024: वैवाहिक जीवन की समस्या दूर करने के लिए रंगभरी एकादशी के दिन करें ये उपाय

अगर आपके वैवाहिक जीवन में कोई समस्या है तो आपको रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र, लाल या गुलाबी गुलाला और माता पार्वती को सिंदूर के साथ सुहाग की सामग्री अर्पित करें। इस उपाय को करने से दांपत्य जीवन सुखमय होगा और प्रेम संबंध भी मजबूत होंगे।

रंगभरी एकादशी वाले दिन आप भगवान शिव और माता पार्वती को पूजा के समय अक्षत जरूर अर्पित करें। इस बात का ध्यान रहे कि अक्षत के चावल टूटे हुए न हों।

अगर विवाह होने में समस्या आ रही है तो रंगभरी एकादशी के दिन व्रत रखकर माता पार्वती और शिव जी की पूजा करें। भगवान भोलेनाथ को 108 बेलपत्र और पीले फूल अर्पित करें। शिव और शक्ति का गठबंधन कराएं। उसके बाद शिव-शक्ति से शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें।

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