Right time for Hanuman bhakti : हनुमान जयंती पर इस शुभ समय हनुमान चालीसा पढ़ने से होगा दोहरा लाभ, बजरंगबली के साथ शनि देव जी की भी होगी कृपा
On Hanuman Jayanti, reading Hanuman Chalisa at this auspicious time will give double benefit, along with Bajrangbali, Shani Dev ji will also bless you
Hanuman chalisa..
Right time for Hanuman bhakti : हनुमान जयंती, जिसे हनुमान जन्मोत्सव भी कहा जाता है, चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन उत्तर भारत में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है जिसे हनुमान जन्मोत्सव भी कहते हैं। इस बार 12 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। हनुमान चालीसा मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से पढ़ते हैं, हनुमान जी को भगवान विष्णु के अवतार राम का एक उत्साही भक्त माना जाता है , जो अपनी अटूट भक्ति के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं। उन्हें शक्ति के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया जाता है। आईये जानतें हैं की हनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय क्या है?
Right time for Hanuman bhakti
ब्रह्म मुहूर्त में पढें हनुमान चालीसा
ब्रह्म मुहूर्त रात्रि का चौथा प्रहर होता है। सुबह सूर्योदय के पूर्व के प्रहर में दो मुहूर्त होते हैं। उनमें से पहले मुहूर्त को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। इस मुहूर्त में की गई पूजा- आराधना, किया गया ध्यान या की गई प्रार्थना ज़रूर सफल होती है। हमारी घड़ी के अनुसार प्रात: 4 बजकर 24 मिनट से लेकर 5 बजकर 12 मिनट के बीच का समय ब्रह्म मुहूर्त है।
Right time for Hanuman bhakti
मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति को कई लाभ होते हैं, जैसे कि दिन भर ऊर्जावान महसूस होना, खुशियां और शांति मिलना, और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होना। इसके अलावा, इससे भय और नकारात्मकता दूर होती है, और व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है। शनिवार के दिन है हनुमान जयंती, इस ब्रह्ममुहूर्त में हनुमान चालीसा पढ़ते ही मिलने वाला है दोहरा लाभ..
Right time for Hanuman bhakti
प्रदोष काल में भी पढ़ें हनुमान चालीसा
प्रदोष काल का समय शाम को सूर्यास्त के लगभग 48 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के बाद लगभग 48 मिनट तक रहता है। इस काल में शिवजी की और उनके रुद्रावतारों की पूजा की जाती है। हनुमानजी रुद्रावतार है। इस समय में भी हनुमान चालीसा पढ़ने का समय अच्छा एवं शुभ माना गया है। हमारी घड़ी के अनुसार शाम को 7 बजकर 15 मिनट पर हनुमान चालीसा पढ़ना शुभ है।
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