Chandra Grahan 2025: होली पर चंद्र ग्रहण का साया! देखें सूतक का समय, जानिए भारत में दिखेगा या नहीं…

Chandra Grahan 2025: हिंदू ग्रंथो में चंद्र और सूर्य ग्रहण का काफी महत्व है। हर साल एक विशेष तिथि और माह को सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते हैं।

  •  
  • Publish Date - March 8, 2025 / 01:56 PM IST,
    Updated On - March 8, 2025 / 02:13 PM IST

Chandra Grahan 2025 Date| Photo Credit: IBC24 File Photo

HIGHLIGHTS
  • मार्च में जहां 14 तारीख को चंद्र ग्रहण तो वहीं 29 मार्च को सूर्य ग्रहण लगेगा।
  • यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
  • साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा।

नई दिल्ली। Chandra Grahan 2025: हिंदू ग्रंथो में चंद्र और सूर्य ग्रहण का काफी महत्व है। हर साल एक विशेष तिथि और माह को सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते हैं। इस साल चैत्र अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। एक महीने में दो ग्रहण लग रहे हैं। मार्च में जहां 14 तारीख को चंद्र ग्रहण तो वहीं 29 मार्च को सूर्य ग्रहण लगेगा। हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा की तिथि पर शाम के वक्त होलिका दहन होता है, वहीं इसके अगले दिन रंगोत्सव मनाया जाता है। इस दिन आसमान में लाल रंग का चांद दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो तीन साल बाद हो रहा है। कहा जा रहा है कि, इस बार यह चंद्रग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा।

read more: CM Dr. Mohan Yadav Security: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी, सीएम डॉ. मोहन यादव की सुरक्षा की संभाली कमान 

बता दें कि, यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसका प्रभाव मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका के अधिकांश क्षेत्र के अलावा प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका पर पड़ेगा। चंद्र ग्रहण अमेरिका के न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स और शिकागो, कनाडा के टोरंटो, वैंकूवर और मॉन्ट्रियल, मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली, कोलंबिया, स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस, घाना, नाइजीरिया में सबसे अच्छा दिखेगा।

चंद्र ग्रहण का समय

साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर होगा। ध्यान रहे कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। चूंकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

Chandra Grahan 2025: वहीं 14 मार्च 2025 को होली के दिन साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा, जो ब्लड मून (लाल चांद) के रूप में दिखाई देगा। यह घटना एक दुर्लभ खगोलीय संयोग है, जिसमें चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है। इसे प्रकृति की सबसे दुर्लभ घटना में से एक माना जाता है। वहीं जब पृथ्वी की छाया सूर्य के प्रकाश को रोक लेती है, लेकिन वायुमंडल में मौजूद धूल, गैस और अन्य कणों की वजह से लाल किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, जिससे चंद्रमा लाल दिखाई देता है। इस घटना को ‘रेले स्कैटरिंग’ प्रभाव कहते हैं।

कैसे लगता है चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण का बहुत अधिक ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होता है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो चंद्र ग्रहण का कारण राहु-केतु माने जाते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार, ये ग्रहण केतु के कारण लगने वाला है। राहु और केतु छाया ग्रहों को सांप की भांति माना गया है, जिनके डसने पर ग्रहण लगता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है की जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं तब चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं,तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है,लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं।

read more: Ladli Behna Yojana: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एमपी सरकार का बड़ा तोहफा! लाड़ली बहना योजना की 22वीं किस्त जारी, सीएम ने भेजे 1250 रुपए 

चन्द्र ग्रहण से जुड़े कुछ तथ्य

चन्द्र ग्रहण केवल रात्रि में ही होता है।
यदि आप चंद्रमा पर खड़े हों तो पृथ्वी आपके लिए सूर्य का दृश्य अवरुद्ध कर देगी।
औसतन हर वर्ष तीन चन्द्र ग्रहण होते हैं।
चंद्रमा लगभग 30 मिनट से एक घंटे तक अपने अधिकतम ग्रहण अवस्था में रहता है।
प्रत्येक चन्द्रग्रहण पृथ्वी के आधे भाग से या जहां भी चन्द्रमा क्षितिज से ऊपर होता है, वहां से दिखाई देता है।
चंद्र ग्रहण को सीधे देखना सुरक्षित है – किसी विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं है!

चंद्र ग्रहण क्या होता है?

चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है, जिससे सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ता है और चंद्रमा को पूरी तरह से या आंशिक रूप से पृथ्वी की छाया से ढक लिया जाता है। इसे ज्योतिष और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण घटना माना जाता है।

चंद्र ग्रहण 2025 में कब होगा?

2025 में पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है। इसका समय सुबह 9:27 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:30 बजे तक रहेगा।

ब्लड मून क्या है?

ब्लड मून एक दुर्लभ खगोलीय घटना है जब चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है। यह तब होता है जब पृथ्वी की छाया सूर्य के प्रकाश को रोकती है और वायुमंडल में मौजूद धूल, गैस और अन्य कणों की वजह से सूर्य की लाल किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं। इसे 'रेले स्कैटरिंग' प्रभाव कहा जाता है।

चंद्र ग्रहण का सूतक काल क्या होता है?

सूतक काल ग्रहण के समय का प्रारंभिक चरण होता है, जो ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू होता है। हालांकि, चंद्र ग्रहण भारत में 14 मार्च 2025 को नहीं दिखेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

क्या चंद्र ग्रहण के समय कुछ खास उपाय किए जाने चाहिए?

धार्मिक दृष्टिकोण से, कई लोग ग्रहण के समय व्रत रखते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं, और पूजा करते हैं। हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कोई भी विशेष उपाय जरूरी नहीं होता है।