Shivling par Belpatra ka Mahatva: शिवलिंग पर उल्टा बिल्वपत्र क्यों चढ़ाया जाता है? जाने महत्व तथा अर्पित करते वक़्त कुछ विशेष बातों का ध्यान..

Why is Bilvapatra offered upside down on Shivling? Why does Mahadev become very happy after offering Belpatra?

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  • Publish Date - June 30, 2025 / 03:53 PM IST,
    Updated On - June 30, 2025 / 03:53 PM IST

Shivling par belpatra ka mahatva

Shivling par Belpatra ka Mahatva : बेलपत्र की पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती के पसीने की बूंदों से बेल के पेड़ की उत्पत्ति हुई थी, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे इस शिवलिंग पर अर्पित करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। बेलपत्र में तीन पत्तियां होती हैं, जो त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक हैं। इसके अलावा, बेलपत्र में त्रिगुणात्मक (सत्व, रज, तम) गुण भी होते हैं, जो जीवन के संतुलन का प्रतीक हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे पी लिया था। विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उन्हें बेलपत्र अर्पित किए थे, जिससे उनकी जलन शांत हुई थी। तब से, भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाना एक शुभ कर्म माना जाता है, जो उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है। तभी से भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने का महत्व बढ़ गया है।

Shivling par Belpatra ka Mahatva

शिवलिंग पर क्यों उल्टा चढ़ाया जाता है बेलपत्र?
शिवलिंग पर बेलपत्र को उल्टा चढ़ाने के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं हैं। माना जाता है कि बेलपत्र का चिकना भाग (ऊपरी सतह) देवी लक्ष्मी का स्थान है, जबकि निचला भाग भगवान शिव का। कुछ मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र को उल्टा चढ़ाने से भगवान शिव की तीनों आँखें ढकी जाती हैं, जो उनके प्रति समर्पण का प्रतीक है। बेलपत्र को उल्टा चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद बना रहता है, जो जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाता है।

Shivling par Belpatra ka Mahatva

आईये जानते हैं शिवलिंग पर बेलपत्र चढाने का महत्त्व..

बेलपत्र का महत्व
भगवान शिव को प्रिय:
बेलपत्र को भगवान शिव का प्रिय माना जाता है, और इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।
त्रिशूल का प्रतीक:
बेलपत्र भगवान शिव के त्रिशूल का भी प्रतीक है।
त्रिनेत्र का प्रतीक:
बेलपत्र में तीन पत्तियां होती हैं, जो भगवान शिव के त्रिनेत्र (तीन आंखें) का प्रतीक हैं।

Shivling par Belpatra ka Mahatva
रोगों से मुक्ति:
बेलपत्र के औषधीय गुण भी हैं और इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं।
सुख-समृद्धि:
बेलपत्र चढ़ाने से घर में सुख, समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
मनोकामना पूर्ति :
बेलपत्र चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Shivling par Belpatra ka Mahatva

भगवान् शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है इसलिए शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते वक़्त निम्न बातों का रखें ख़ास ध्यान..

बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
बेलपत्र सही होना चाहिए:
बेलपत्र कटा-फटा नहीं होना चाहिए और साफ होना चाहिए।
उल्टा चढ़ाएं:
बेलपत्र को उल्टा करके चढ़ाना चाहिए, ताकि चिकनी सतह शिवलिंग को स्पर्श करे।

Shivling par Belpatra ka Mahatva
चंदन और इत्र:
बेलपत्र पर चंदन और इत्र लगाकर भी चढ़ा सकते हैं।
मंत्र:
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए बेलपत्र चढ़ाना चाहिए।
तोड़ने का नियम:
कुछ विशेष तिथियों (जैसे अष्टमी, नवमी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या और सोमवार) को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।

घर में बेलपत्र का पेड़ लगाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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