Skanda Sashti 2025: कल रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत, जानें क्या है इसका महत्व और पूजा विधि

Skanda Sashti 2025: कल रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत, जानें क्या है इसका महत्व और पूजा विधि

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Modified Date: May 1, 2025 / 11:36 PM IST
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Published Date: May 1, 2025 11:36 pm IST
Skanda Sashti 2025: कल रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत, जानें क्या है इसका महत्व और पूजा विधि
HIGHLIGHTS
  • स्कंद षष्ठी व्रत 2 मई 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
  • यह व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।
  • इस व्रत से व्यक्ति को शक्ति और विजय प्राप्त होती है।

नई दिल्ली। Skanda Sashti 2025: हिंदू धर्म में हर महीने कई तरह के व्रत, अमावस्या आते हैं। जिनका अपना अलग ही महत्व होता है। जिसे पूरे विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। ऐसे में कल स्कंद चुतुर्थी मनाई जाएगी। जो की भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। यह दक्षिण भारत और विशेष रूप से तमिलनाडु में बहुत ही श्रद्धा से मनाया जाता है। इस साल स्कंद षष्ठी व्रत 2 मई 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। भक्त इस दिन उपवास रखकर भगवान स्कंद की विशेष पूजा करते हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है इसकी पूजा विधि।

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तिथि और शुभ मुहूर्त

षष्ठी तिथि का प्रारंभ 02 मई 2025, शुक्रवार को सुबह 09 बजकर 14 मिनट से होगा। वहीं इस तिथि का समापन 03 मई 2025, शनिवार को सुबह 07 बजकर 51 मिनट पर होगा।

पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को स्वच्छ करके भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीप जलाएं और फूल, धूप, अक्षत, रोली, चंदन अर्पित करें। भगवान को विशेष रूप से लाल पुष्प, केला, गुड़ और पंचामृत चढ़ाएं। स्कंद षष्ठी व्रत कथा पढ़ें और आरती करें। अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।

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व्रत का महत्व

Skanda Sashti 2025:  मान्यता है कि, भगवान मुरुगन ने इसी दिन ताड़कासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए यह दिन उनकी विजय के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से साहस, शक्ति और विजय प्राप्त होती है। साथ ही यह व्रत संतान प्राप्ति, पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि के लिए भी किया जाता है।