Chardham Yatra 2025: उत्तरकाशी-गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद… जानें फिर कैसे कर सकेंगे इनके दर्शन

इस साल के दीपों के त्यौहार दिवाली के साथ ही चार धाम यात्रा के दो बड़े तीर्थों के कपाट बंद होने जा रहे हैं। ये तीर्थ यमुनोत्री और गंगोत्री होंगे, इन धामों को बंद करने की तैयारियां चालू हो गई हैं।

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  • Publish Date - October 22, 2025 / 01:04 PM IST,
    Updated On - October 22, 2025 / 01:08 PM IST

Chardham Yatra 2025: / Image Source: X

HIGHLIGHTS
  • उत्तरकाशी-गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद।
  • दिवाली बड़े धूमधाम से मनाई गई, फूलों से सजावट और विशेष पूजा हुई।
  • इस वर्ष अब तक 7.57 लाख श्रद्धालु गंगोत्री धाम के दर्शन कर चुके हैं।

Chardham Yatra 2025: इस साल के दीपों के त्यौहार दिवाली के साथ ही चार धाम यात्रा के दो बड़े तीर्थों के कपाट बंद होने जा रहे हैं। ये तीर्थ यमुनोत्री और गंगोत्री होंगे, इन धामों को बंद करने की तैयारियां चालू हो गई हैं। हर साल की तरह मान्यता के अनुसार गंगा और यमुना माता की विशेष पूजा के बाद ही इन दोनों ही धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद किया जायेगा। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर अन्‍नकूट त्‍यौहार के साथ शीतकाल के लिए बंद किया जायेगा। इस अवसर पर मंदिर को गेंदे के फूलों से खूबसूरती से सजाया गया है। इस साल अब तक कुल 7 लाख 57 हजार श्रृद्धालु गंगोत्री मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।

कब बंद होंगे गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट?

जानकारी के मुताबिक, चारधामों में शामिल सबसे खास और लोकप्रिय धार्मिंक स्थलों में शामिल गंगोत्री के कपाट आज यानी गोवर्धन वाले दिन 22 अक्टूबर 2025 को बंद कर दिए गए वहीं कल दिन 23 अक्टूबर 2025 गुरुवार यानि भाई दूज के दिन यमुनोत्री के कपाट 12 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए जायेंगे।

शीतकाल में यहां कर सकेंगे गंगा और यमुना जी के दर्शन

आपको बता दें कि गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु शीतकाल में उनके दर्शन यमुना की उत्सव खरसाली में और गंगा के उत्सव मूर्ति के दर्शन मुखबा गाँव में किया जा सकता है। मां गंगा और मां यमुना की विशेष पूजा के लिए इन दोनों धामों को फूलमालाओं से सजाया गया है, जहां भक्तों की संख्या धीरे धीरे बढ़ने वाली है।

बहुत ही धूमधाम से मनाई गई यहां दिवाली

चारधाम में दो मुख्य धार्मिंक तीर्थों में गंगोत्री और यमुनोत्री है। दोनों ही जगह पर इस बार बड़े उत्साह के साथ दिवाली मनाई गई। इस दौरान यहां इन्हें अच्छे से सजाया गया, जहां श्रद्धालुओं और पुजारियों ने मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरानी चारों तरफ रोशनी दिखाई दी।

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गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट कब बंद होते हैं?

हर साल दीवाली के बाद गोवर्धन व भाई दूज के दिन कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाते हैं।

क्या कपाट बंद होने के बाद भी दर्शन संभव है?

नहीं, कपाट बंद होने के बाद सर्दियों में दर्शन संभव नहीं होते। परंपरा अनुसार, पूजा देवस्थानम बोर्ड द्वारा गंगोत्री व यमुनोत्री की गाड़ियों में की जाती है।

कपाट फिर कब खुलेंगे?

कपाट अगले साल अक्षय तृतीया (अप्रैल–मई) के आस-पास खुलते हैं। सटीक तारीख हर वर्ष पंचांग अनुसार तय होती है।