रायपुर। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पांचवी तिथि को नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल ये तिथि 13 अगस्त को है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा से पुण्य लाभ होता है। नाग भगवान शंकर के गले का आभूषण है, नागपंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भोलेनाथ की बड़ी कृपा होती है। नागपंचमी के दिन कुछ बातों का ध्यान रखें, इसकी अव्हेलना करने पर कष्ट हो सकता है।
नागपंचमी पर पूजा में ना करें त्रुटि
नाग पंचमी के दिन नाग देवता के लिए व्रत रखा जाता है, उनकी पूजा की जाती है। नागपंचमी के दिन काल सर्प दोष और कुंडली में विद्यमान राहु-केतु संबंधी दोषों का निवारण भी किया जा सकता है। पूजा में त्रुटि नहीं करनी चाहिए, वहीं कुछ बातों का ख्याल रखें।
नागपंचमी तिथि दोपहर 1.42 बजे तक रहेगी, इसलिए इससे पहले ही नाग पंचमी की पूजा कर लेनी अच्छा रहेगा। इस दिन हस्त नक्षत्र शाम 7.58 बजे तक और साध्य योग शाम 6.48 बजे तक रहेगा। ये दोनों योग बहुत ही फलदायी हैं।
पूजन विधि
1.नाग पंचमी पर जीवित सांप को कष्ट ना दें, नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा की जा सकती है।
2. जीवित सांप को जर्बदस्ती दूध न पिलाएं, उनकी प्रतिमा को या प्रतीकात्मक रुप से दूध से अभिषेक करें.
3. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नागपंचमी के दिन काल सर्प दोष और राहु-केतु दोष का निवारण करने के लिए पूजा-पाठ करना उत्तम होता है। नाग की प्रतिमा का अभिषेक करें तो अच्छा होगा। जीवित सांप को कोई कष्ट ना पहुंचाएं।
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नाग देवता की ऐसे करें पूजा
चौक पूरकर नाग देवता की मूर्ति स्थापित करें, दूध से अभिषेक करें, उन्हें हल्दी जरूर लगाएं, कुमकुम-अक्षत लगाएं, धूप-दीप जलाकर पूजा करें, मिठाई का भोग लगाएं, साथ ही उन्हें नारियल अर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें।
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं IBC 24 इनकी पुष्टि नहीं करता है)