Premanand Maharaj Pravachan: जब मन मांगे कुछ, लेकिन भगवान न दें… प्रेमानंद महाराज का सरल और असरदार जवाब!

प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में प्रवचन में एक महिला श्रद्धालु के सवाल का उत्तर दिया, जिसमें पूछा गया कि भगवान हमेशा मांगी हुई चीज क्यों नहीं देते। महाराज ने समझाया कि कभी-कभी हमारी इच्छाएं हमारे भले के लिए अनुकूल नहीं होती।

Premanand Maharaj Pravachan: जब मन मांगे कुछ, लेकिन भगवान न दें… प्रेमानंद महाराज का सरल और असरदार जवाब!

(Premanand Maharaj Pravachan, Image Source: instagram)

Modified Date: November 12, 2025 / 06:42 pm IST
Published Date: November 12, 2025 5:48 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भगवान को भोग या लड्डू नहीं, सिर्फ भाव और प्रेम चाहिए।
  • बिना तपस्या और भक्ति के हमारी कामनाएँ पूरी नहीं होती।
  • नियमित भजन और पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति बढ़ती है।

Premanand Maharaj Pravachan: बहुत से लोग अक्सर भगवान से किसी विशेष वस्तु या इच्छित परिणाम की मांग करते हैं। कई बार लगातार प्रार्थना करने के बावजूद जब मनोकामना पूरी नहीं होती, तो लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या भगवान हमारी सुनते हैं या फिर उनकी कृपा हम पर नहीं है।

श्रद्धालु ने पूछा सच

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से एक श्रद्धालु ने पूछा कि आखिर भगवान से मांगने का सही तरीका क्या है और क्यों कई बार हमारी मनोकामनाएं पूरी नहीं होतीं।

प्रेमानंद महाराज ने कहा

प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि कई लोग भगवान से सही भाव और तरीका अपनाए बिना ही मांगते हैं। लोग केवल भोग अर्पित करने या वस्तु मांगने के प्रयास में लग जाते हैं, लेकिन असली बात यह है कि भगवान को भाव, प्रेम और तपस्या चाहिए। महाराज ने समझाया कि भगवान को लड्डू या भोग नहीं चाहिए, वह ब्रह्मांड के स्वामी हैं। सच्चा भाव और प्रेम ही वह आधार है, जिससे हमारी कामनाओं की पूर्ति संभव हो सकती है। बिना प्रेम, भक्ति और तपस्या के केवल मांगने से कोई लाभ नहीं होता।

 ⁠

कामनाओं की पूर्ति ऐसे होती है?

कामनाओं की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को नियमित भजन और पूजा करनी चाहिए। भगवान के प्रति सच्चा प्रेम और समर्पण होना चाहिए। तपस्या और सत्कर्म के माध्यम से अधिकार अर्जित करना चाहिए। भगवान की दुकान में सबका जीवन खाता है क्योंकि भगवान की दुकान में लेने के लिए केवल मांगना पर्याप्त नहीं है। महाराज ने समझाया कि जैसे दुकान से सामान लेने के लिए पैसे होना जरूरी है, वैसे ही भगवान से कुछ पाने के लिए हमारे पास भाव, तपस्या और प्रेम होना आवश्यक है।

इन्हें भी पढ़ें:


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।