Falgun Amavasya 2025: कब मनाई जाएगी फाल्गुन अमावस्या? पितरों का तर्पण कर पितृ-दोष से पाएं मुक्ति, बन रहे ये 6 शुभ संयोग

Falgun Amavasya 2025: कब मनाई जाएगी फाल्गुन अमावस्या? पितरों का तर्पण कर पितृ-दोष से पाएं मुक्ति, बन रहे ये 6 शुभ संयोग |

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  • Publish Date - February 24, 2025 / 08:19 PM IST,
    Updated On - February 24, 2025 / 08:19 PM IST

Falgun Amavasya 2025 | Source : File Photo

HIGHLIGHTS
  • इस महीने फाल्गुन अमावस्या आने वाली है जो 27 फरवरी को मनाई जाएगी।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिडंदान भी किया जाता है।

Falgun Amavasya 2025 Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में त्योहारों और व्रत का काफी महत्व रहता है। महिलाएं एकादशी, पूर्णिमा और अमावस्या पर अक्सर व्रत रखती हैं। इस महीने फाल्गुन अमावस्या आने वाली है जो 27 फरवरी को मनाई जाएगी। अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि स्नान-दान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिडंदान भी किया जाता है। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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फाल्गुन अमावस्या की मूल तिथि

फाल्गुन अमावस्या समाप्तः 06:14 AM (28 फरवरी 2025, शुक्रवार), उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

पूजा के लिए छह शुभ योगों का संयोग

ब्रह्म मुहूर्तः 05.09 AM से 09.58 AM (27 फरवरी 2025) तक

गोधूलि मुहूर्तः 06.07 PM से 06.42 PM (27 फरवरी 2025) तक

निशिता मुहूर्तः 12.08 AM से 12.08 AM तक

शिव योगः पूरे दिन विद्यमान रहेगा

अभिजीत मुहूर्तः (पूजा हेतु सर्वश्रेष्ठ काल) 12.16 PM से 01.02 PM

अमृत कालः 06.02 AM से 07. 31 AM तक

पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?

फाल्गुन अमावस्या के दिन पितृ चालीसा, पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें। इसके बाद गरीब और जरूरतमंदों को दान भी करें।
फाल्गनु अमावस्या के दिन गाय, कौवा, चींटियों और कुत्ता को भोजन कराएं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
अमावस्या के दिन घर के बाहर सूर्यास्त के बाद यानी शाम के समय दक्षिण दिशा में दीया जलाएं।

फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्घ्य देना चाहिए। इस शुभ दिन पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-दान के कार्यों से साधक को सभी दुख-कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है। अमावस्या के दिन पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्य किए जाते हैं। मान्यता है कि इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार के सदस्यों पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।

 

1. फाल्गुन अमावस्या कब मनाई जाएगी?

फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी, जो 28 फरवरी 2025 को सुबह 06:14 AM तक रहेगी।

2. फाल्गुन अमावस्या के दिन कौन सी विशेष पूजा की जाती है?

फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध, और पिंडदान किया जाता है। साथ ही, पितृ चालीसा, पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ भी किया जाता है। इस दिन सूर्यदेव को जल अर्घ्य देना और गरीबों को दान करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

3. फाल्गुन अमावस्या के दिन कौन से शुभ मुहूर्त होते हैं?

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त (05:09 AM से 09:58 AM), गोधूलि मुहूर्त (06:07 PM से 06:42 PM), अभिजीत मुहूर्त (12:16 PM से 01:02 PM) और अमृत काल (06:02 AM से 07:31 AM) जैसे शुभ मुहूर्त होते हैं।

4. फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?

फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृ चालीसा, पितृ स्तोत्र का पाठ करें, तर्पण और पिंडदान करें, और गाय, कौवा, चींटी और कुत्ते को भोजन कराएं। साथ ही, शाम को दक्षिण दिशा में दीया जलाना भी शुभ होता है।

5. फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व क्या है?

फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। इस दिन पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्राद्ध और तर्पण के कार्य किए जाते हैं, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।