Yogini Ekadashi 2025: इस दिन रखा जाएगा योगिनी एकादशी का व्रत, श्री हरि की पूजा के समय करें इस मंत्र का जाप, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

Yogini Ekadashi 2025: इस दिन रखा जाएगा योगिनी एकादशी का व्रत, श्री हरि की पूजा के समय करें इस मंत्र का जाप, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

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  • Publish Date - June 18, 2025 / 09:13 AM IST,
    Updated On - June 18, 2025 / 09:13 AM IST

Yogini Ekadashi 2025। Image Credit: IBC24 File Image

HIGHLIGHTS
  • योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा।
  • इस व्रत को रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है।

नई दिल्ली। Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में हर महीने एकादशी पड़ती है जिसका अपना अलग महत्व होता है। ऐसे ही आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। ऐसे में इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा। मान्यता है कि, योगिनी एकादशी का व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल की प्राप्ति होती है और हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। तो चलिए जानते हैं क्या है इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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शुभ मुहूर्त

मान्यता के अनुसार, 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 को रखा जाएगा।

पूजा विधि

व्रत वाले दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान आदि करने के बाद पीले रंग के शुद्ध कपड़े धारण करें।
इसके बाद मंदिर में लकड़ी की एक चौकी रखें। उस पर विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
विष्णु जी को पीले फूल, पंचामृत, तुलसी दल, मिसरी, फल और पंजीरी अर्पित करें।
घी का दीपक जलाएं। इस दौरान माला पर 108 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र’ का जाप करें।
योगिनी एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें साथ ही शंख और घंटी बजाएं। पूजा के आखिरी में आरती करके पूजा का समापन करें।

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इस मंत्र का करें जाप

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

योगिनी एकादशी का महत्व

Yogini Ekadashi 2025: मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसे तीनों लोकों में सबसे प्रसिद्ध एकादशी में से एक माना जाता है। इस दिन पूजा करने के साथ व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर इच्छा पूरी हो जाती है। हर संकट से मुक्ति मिलने के साथ दरिद्रता और पापों से मुक्ति मिल जाती है। जीवन में खुशियों की दस्तक होती है।