#SarkarOnIBC24 : बांग्लादेश हिंसा पर MP में रोष, शहर-शहर में रैली और बंद का आयोजन
Bangladesh Violence : मध्य प्रदेश में बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता जा रहा है।
बांग्लादेश हिंसा पर MP में रोष. Image Credit : IBC24
भोपाल : Bangladesh Violence : मध्य प्रदेश में बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता जा रहा है। बांग्लादेश में जब से शेख हसीना सरकार का तख्ता पलट हुआ है। हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है, ऐसा कोई दिन नहीं बीत रहा जब बांग्लादेश से हिंदुओं को प्रताड़ित करने की खबरे सामने नहीं आ रही हो। देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मध्यप्रदेश में भी हिंदूवादी संगठनों के नेता सड़कों पर उतर आए भोपाल, जबलपुर और इंदौर में इसका व्यापक असर देखने को मिला।
Bangladesh Violence : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का देशभर में विरोध हो रहा है। देश के कोने-कोने से बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में आवाज उठ रही है। देश के दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में भी बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का पुरजोर विरोध हो रहा है। प्रदेश के कोने-कोने में प्रदर्शन कर लोग बांग्लादेशी हिंदुओं का दर्द दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का जो दौर शुरू हुआ वो बदस्तूर जारी है। 5 अगस्त से अब तक बांग्लादेश में हिंदुओं पर एक हजार से ज्यादा हमले हो चुके हैं। इन हमलों में तक 230 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। पड़ोसी मुल्क में अपनों पर हो रही दरिंदगी के विरोध में सारा मुल्क एक जुट है।
बीजेपी नेता जहां खुलकर हिंदूवादी संगठनों के विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए तो वहीं कांग्रेस ने इस पर तंज कसा। मोदी सरकार को बांग्लादेश से हिंदुओं के रेस्क्यू की चुनौती दी।
बांग्लादेश में हिंसा पीड़ित हिंदुओं के लिए सदन से लेकर सड़क तक आवाज उठ रही है। बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने संसद में इन मजलूमों की आवाज बुलंद की।
Bangladesh Violence : बांग्लादेश में जो लोग अल्पसंख्यक और निहत्थे हिंदुओं पर कहर ढा रहे हैं। वो शायद भूल चुके हैं कि उनका वजूद हिंदुस्तान की ही देन हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अगर 1971 में मदद का हाथ न बढ़ाया होता तो आज शायद दुनिया में बंग्लादेश का वजूद ही न होता। बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की तरह हम भी उम्मीद कर रहे हैं कि एक दिन ऐसा आएगा जब पड़ोसी मुल्क में हिंसा का अंधेरा छटेगा और शांति का सूरज उगेगा।

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