#SarakarOnIBC24 : झारखंड में सत्ता की तिलिस्म को भेद नहीं पाई BJP, क्या है हार के कारण, जानें यहां
Jharkhand Election Result : झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई में INDIA गठबंधन एक बार फिर मजबूती से सत्ता में वापसी कर रही है।
Jharkhand Election Result
रांची : Jharkhand Election Result : झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई में INDIA गठबंधन एक बार फिर मजबूती से सत्ता में वापसी कर रही है। यानी बीते 24 सालों में झारखंड की राजनीति नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है। अब तक जो तस्वीर सामने आई है, उसके मुताबिक हेमंत सोरेन फिर से झारखंड की कमान संभालेंगे और बीजेपी एक बार फिर विपक्ष में बैठेगी।
Jharkhand Election Result : हेमंत दोबारा.. विधानसभा चुनाव के दौरान जब INDIA गठबंधन ने नारा दिया तो किसी को विश्वास नहीं होगा कि सत्ता में हेमंत सोरेन की वापसी इतनी आसान होगी, क्योकि बीजेपी ने झारखंड को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। शिवराज सिंह चौहान और हिमंता विस्वा सरमा को प्रभारी बनाकर मैदान में उतारा, तो हमने बनाया, हम ही संवारेंगे और माटी-बेटी-रोटी के नारे के साथ पीएम मोदी ने इलेक्शन कैंपेन को लीड किया, तो बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, चंपाई सोरेन जैसे स्थानीय आदिवासी नेताओं ने भी जोर लगाया। बावजूद इसके बीजेपी और उसके सहयोगी झारखंड में सत्ता की तिलिस्म को भेद नहीं पाए।
इंडिया गठबंधन की 7 गारंटी, बीजेपी के चुनावी वादों पर भारी पड़ी। अब सवाल है कि आखिर वो कौन के कारण रहे जिससे हेमंत सोरेन ने झारखंड में जोरदार वापसी की। इसमें पहला है मईंया सम्मान योजना, जिसके जरिए सत्तारूढ़ गठबंधन ने 81 में से 32 सीटों पर निर्णायक महिला वोटर्स को साधा। JMM को सत्ता में रहने का भी फायदा मिला। JMM-कांग्रेस और RJD के कोर वोटर्स नहीं फिसले। वहीं आदिवासियों ने एक बार फिर BJP को नकार दिया, तो हेमंत और कल्पना सोरेन की काट बीजेपी नहीं खोज पाई। खास तौर पर हेमंत सोरेन का जेल जाना भी आदिवासी वोटरों को नाराज कर दिया।
यह भी पढ़ें : #SarakarOnIBC24 : खेल गया ‘विजयपुर’, जीत रह गई दूर, एक हार… कई सवाल, BJP से चूक कहां?
Jharkhand Election Result : कुल मिलाकर 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा में JMM गठबंधन 56 सीटों पर जीत हासिल की। जो बहुमत के आंकड़े 41 सीटों से 15 सीट ज्यादा है। यानी बीजेपी का बांग्लादेशी घुसपैठ वाला मुद्दा फुस्स हो गया। 28 आदिवासी सीटों में से बीजेपी सिर्फ चंपाई सोरेन ही सरायकेला मे जीते। यानी आदिवासियों का भरोसा जीतने में बीजेपी नाकाम रही।

Facebook



