भोपाल: मध्यप्रदेश में मदरसों को लेकर एक बार फिर से राजनीति गर्मा गई हैं। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के दावों ने मदरसों को लेकर नई बहस छेड़ दी हैं। कानूनगो ने मदरसों के बुनियादी ढांचे, शिक्षा प्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इन मदरसों में पढ़ रहे हिंदू बच्चों को वहां से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिल करने की मांग राज्य सरकार से की है। मदरसों में अयोग्य शिक्षक की बात कहकर भी कानूनगो ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। अब इस पर सियासत भी गरमा गई है।
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मध्यप्रदेश में फिर मदरसों पर सियासी बवाल शुरु हो गया है। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ये दावा किया है कि एमपी के 14 हजार मदरसो में 19 हजार हिंदू बच्चे इस्लामिक शिक्षा ले रहे हैं। जबकि मदरसे सुरक्षित नहीं है। कानूनगो ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार से मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों को सामान्य स्कूलों में भेजने का अनुरोध किया है। कानूनगो का कहना है कि ये मदरसे राइट टू एजुकेशन के दायरे में भी नहीं आते हैं।
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मध्य प्रदेश में 1,755 पंजीकृत मदरसों में 9,417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं और इन संस्थानों में आरटीई अधिनियम के तहत अनिवार्य बुनियादी ढांचे का अभाव है। प्रियंक कानूनगो का कहना है कि NCPCR के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक इन मदरसों के शिक्षकों के पास बी.एड. की डिग्री नहीं है और उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा भी नहीं दी है। उनका बुनियादी ढांचा भी आरटीई अधिनियम के अनुरूप नहीं है और इन मदरसों में सुरक्षा व्यवस्था भी ठीक नहीं हैं।
उधर प्रियंक कानूनगो के बयान के बाद सियासत गरमा गयी है। कांग्रेस का कहना है कि बाल आयोग को उन बच्चों की भी चिंता करनी चाहिए जो सड़क पर भीख मांग रहे हैं। वहीं भाजपा ने कहा कि हो सकता है कि ये षडयंत्र हो इसके लिए मुख्यमंत्री से बात जरूर करेंगे।
मध्यप्रदेश में मदरसों को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्म हो गई है। मदरसों में अयोग्य शिक्षक होने की बात कहकर कानूनगो ने नया विवाद भी खड़ा कर दिया है। इसमें सरकार की व्यवस्था और नीति पर भी सवाल उठ खड़े होते हैं। साथ ही हिंदू बच्चों को मदरसों से निकालने की बात कहकर कानूनगो ने नया मजहबी एंगल क्रिएट करने की कोशिश की है।