#SarkarOnIBC24: सपा नेता के जहरीले बयान क्या विपक्ष के सॉफ्ट हिंदुत्व को पहुंचा रहे नुकसान.. क्यों दे रहे स्वामी सनातन को ललकार?.. देखिये ‘सरकार’

#SarkarOnIBC24: सपा नेता के जहरीले बयान क्या विपक्ष के सॉफ्ट हिंदुत्व को पहुंचा रहे नुकसान.. क्यों दे रहे स्वामी सनातन को ललकार?.. देखिये ‘सरकार’

Sarkar on IBC24

Modified Date: August 28, 2023 / 11:44 pm IST
Published Date: August 28, 2023 11:44 pm IST

Sarkar On IBC24: किसी के धर्म, किसी की जाति, किसी भी धार्मिक ग्रंथ पर अगर कोई टिप्पणी करे तो इस पर विवाद तो होगा ही। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से हिंदू धर्म और विशेषकर ब्राह्मण जाति पर टिप्पणी की है। मौर्या ने इस बार ब्राह्मणवाद को समाज में फैले विषमता का कारण बता दिया। पूरा विवाद है क्या इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं।

पहले रामचरितमानस पर विवादित बयान दे चुके समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर कुछ ऐसा कह दिया कि उनका बयान सुर्खियों में है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर ब्राह्मण समाज को लेकर ट्वीट करते हुए वीडियो जारी किया और हिंदू धर्म को लेकर स्वामी प्रसाद ने लिखा है कि- ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है…

हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद समाजवादी की सांसद डिंपल यादव ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की। डिंपल यादव ने कहा कि सनातन धर्म का कोई दुश्मन नहीं है।

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मामले में बीजेपी का कहना है कि समाज में द्वेष पैदा करने के लिए ये बयान दिया गया है। इधर हिन्दू धर्म को धोखा कहने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। ऐसा नहीं है कि ये कोई पहला मामला है। विवादों से स्वामी प्रसाद मौर्य का पुराना नाता रहा है। 22 जनवरी को रामचरित मानस को लेकर कहा था कि इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन उसे पूजनीय बताया गया है।

31 जुलाई को स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि बद्रीनाथ, केदारनाथ और जगन्नाथपुरी पहले बौद्ध मठ थे। 13 फरवरी को बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। 15 फरवरी को लखनऊ के एक होटल में स्वामी प्रसाद मौर्य और अयोध्या के महंत राजूदास के बीच हाथापाई हो गई।

यानी हिंदू धर्म या उनकी वैदिक किताबों पर टिप्पणी करना स्वामी प्रसाद मौर्य की पुरानी आदत है। जब वो BSP छोड़कर BJP के साथ थे तब ऐसे बयान से भाजपा परेशान रहती थी और अब जब वो सपा में हैं तो सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर आगे बढ़ रही विपक्ष की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown