#SarkarOnIBC24: महापंचायत में पूरी हुई मांगे तो विपक्ष ने बताया सरकारी झुनझुना.. शिक्षक किस तरह जताएंगे मामा का आभार?.. जानने के लिए देखिए ‘सरकार’..

#SarkarOnIBC24: महापंचायत में पूरी हुई मांगे तो विपक्ष ने बताया सरकारी झुनझुना.. शिक्षक किस तरह जताएंगे मामा का आभार?.. जानने के लिए देखिए ‘सरकार’..

Sarkar On IBC24

Modified Date: September 2, 2023 / 10:26 pm IST
Published Date: September 2, 2023 10:26 pm IST

Sarkar On IBC24: भोपाल: शनिवार को प्रदेशभर के अतिथि शिक्षकों की महापंचायत हुई। नियमितीकरण समेत कई मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक एकजुट थे, लेकिन CM शिवराज सिंह चौहान ने उनके सारे शिकवे दूर कर दिए और सौगातों की झड़ी लगा दी। विपक्ष इन सौगातों को चुनावी बता रहा है तो भाजपा इसे मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देख रही है ।

चुनावी साल में मध्यप्रदेश सरकार सौगातों की बरसात कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तोहफों का पिटारा साथ लेकर चल रहे हैं। शनिवार को भोपाल में अतिथि शिक्षकों के सम्मेलन में भी उन्होंने घोषणाओं की झड़ी लगा दी। अब अतिथि शिक्षकों को महीने के हिसाब से फिक्स और दोगुना मानदेय मिलेगा। इसके साथ ही पीरियड के बजाए महीने के हिसाब से पैसे मिलेंगे और साल के बीच में कोई गैप नहीं होगा।अतिथि शिक्षकों को स्थाई नौकरी में 50% का आरक्षण भी रहेगा।

Madhya Pradesh Politics : बागियों का एक्शन, दलबदल का टेंशन, प्रदेश में बह रही है दलबदल की बयार

 ⁠

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पहले ग्रेड के अतिथि शिक्षकों का मानदेय 9000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 18000 रुपए हो गया है। इसी तरह दूसरे ग्रेड के अतिथि शिक्षकों को 14 हजार रुपए और तीसरे ग्रेड के अतिथि शिक्षकों को हर महीने 10 हजार रुपए का मानदेय मिलेगा। सीएम शिवराज की इस घोषणा से करीब 68 हजार अतिथि शिक्षकों को फायदा होगा। हालांकि विरोधी दल से चुनावी झुनझुना बता रहे हैं।

जब चुनाव नजदीक हो तो सरकार और सियासी दलों के हर फैसले को चुनावी चश्मे से ही देखा जाता है। लेकिन ये फैसले कितने मुफीद होते हैं, यही बड़ा सवाल है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown