नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने अपने वाणिज्यिक अधिकारों की बिक्री की प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए परामर्श फर्मों से बोलियां आमंत्रित की हैं।
इसकी प्रमुख आवश्यकताओं में पिछले पांच वर्षों में न्यूनतम 100 करोड़ रूपये का वार्षिक कारोबार और कम से कम पांच ऐसे सौदों को निष्पादित करने का अनुभव होना शामिल है।
एआईएफएफ ने इस संबंध में एक ‘निविदा के लिए अनुरोध (आरएफक्यू) जारी किया है और बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि 14 सितंबर है।
महासंघ ने कहा कि इस आरएफक्यू का उद्देश्य ‘‘बोलीदाताओं को ऐसी जानकारी प्रदान करना है जो उनके प्रस्तावों को तैयार करने में उनकी सहायता कर सके’’।
एआईएफएफ ने आरएफक्यू में कहा कि बोलीदाता को ‘कम से कम पांच वर्षों से अस्तित्व में और संचालन में होना चाहिए। इसके साथ ही वाणिज्यिक अधिकारों को प्रदान करने के लिए प्रक्रियाओं का प्रबंधन करने का अनुभव भी होना चाहिए’।
उन्होंने कहा, ‘‘बोलीदाता का पिछले पांच वित्तीय वर्षों में न्यूनतम 100 करोड़ रुपये का औसत वार्षिक कारोबार होना चाहिए। बोलीदाता को पिछले पांच वर्षों में कम से कम तीन अलग-अलग ग्राहकों से इस तरह के कम से कम पांच कार्य के निष्पादन का अनुभव होना चाहिये।’’
एआईएफएफ ने यह साफ किया वह ऐसी कंपनियों से बोली स्वीकार नहीं करेगा जिसे केंद्र या किसी राज्य सरकार के अलावा किसी अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय महासंघ ने काली सूची में डाला है।
उन्होंने कहा, ‘‘ चुनी गई बोलीदाता को दुनिया भर में, खासकर फुटबॉल में अधिकारों को प्रदान करने का अध्ययन करना होगा। इसके बाद एआईएफएफ से परामर्श करके उन्हें यह तय करना होगा कि वाणिज्यिक अधिकारों में क्या-क्या शामिल होना चाहिए और इन अधिकारों को तीसरे पक्ष को कैसे दिया जाए। ऐसा इस तरह से करना है कि यह एआईएफएफ के लिए संचालन और वित्तीय, दोनों ही दृष्टिकोण से सबसे अधिक फायदेमंद हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सलाहकार फर्मों का काम ‘प्रमुख हितधारकों की पहचान करना और उनके साथ जुड़ना, विस्तृत नियमों और शर्तों के साथ आवश्यक दस्तावेज तैयार करना होगा।’’
पिछले महीने सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान एआईएफएफ और उसके मौजूदा वाणिज्यिक साझेदार एफएसडीएल (फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड) ने कहा था कि वे वैश्विक मानकों के अनुरूप इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के लिए एक नया वाणिज्यिक साझेदार चुनने के लिए एक खुली, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी निविदा प्रक्रिया लायेंगे।’’
एआईएफएफ और एफएसडीएल इस बात पर सहमत हुए हैं कि यह प्रक्रिया 15 अक्टूबर, 2025 तक पूरी हो जाएगी। इससे क्लबों, प्रसारकों, प्रायोजको और अन्य सभी हितधारकों को भविष्य के बारे में स्पष्टता मिलेगी।
उन्होंने न्यायालय को यह भी बताया कि एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) की सहमति मिलने के बाद आईएसएल का सत्र दिसंबर में शुरू हो सकता है।
भाषा आनन्द मोना
मोना