आईसीसी बोर्ड की सालाना बैठक में बीसीसीआई के राजस्व पर लगेगी मुहर, वनडे के भविष्य पर होगी चर्चा

आईसीसी बोर्ड की सालाना बैठक में बीसीसीआई के राजस्व पर लगेगी मुहर, वनडे के भविष्य पर होगी चर्चा

आईसीसी बोर्ड की सालाना बैठक में बीसीसीआई के राजस्व पर लगेगी मुहर, वनडे के भविष्य पर होगी चर्चा
Modified Date: July 9, 2023 / 07:08 pm IST
Published Date: July 9, 2023 7:08 pm IST

… कुशान सरकार…

नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की सोमवार से होने वाली सालाना बोर्ड बैठक के दौरान इस खेल निकाय के वार्षिक राजस्व में से भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को  231 मिलियन डॉलर (लगभग 19 अरब रुपये) के हिस्से को मंजूरी मिलना लगभग तय है। डरबन में इस चार दिवसीय बैठक के दौरान वनडे के भविष्य (खास कर द्विपक्षीय श्रृंखला) और किसी खिलाड़ी के द्वारा टी20 लीग में भागीदारी की सीमा पर भी चर्चा होगी। इस दौरान सदस्यों को अगले साल वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप की तैयारियों के बारे में अपडेट मिलने की भी उम्मीद है। इस बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा राजस्व कर वितरण है।  भारत को 2024-2027 के बीच की अवधि के लिए आईसीसी के 600 मिलियन डॉलर (लगभग 49.5 अरब रुपये)के वार्षिक राजस्व से 38.5 प्रतिशत (230 मिलियन डॉलर वार्षिक) का बड़ा हिस्सा मिलने का प्रस्ताव है। पड़ोसी देश पाकिस्तान को इस पर कुछ आपत्ति है लेकिन यह समझा जाता है कि इसे बिना किसी परेशानी के बोर्ड की मंजूरी मिल जाएगी। आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों (एफ एंड सीए) समिति इसकी मंजूरी देगी और इसके बाद निदेशक मंडल की बैठक में यह महज औपचारिकता भर होगा। आईसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘  अगर कोई प्रतिशत को आधार बना कर देखें तो राजस्व वितरण अनुचित लग सकता है, जिसमें भारत को 38.5 प्रतिशत और ईसीबी (इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड) को 6.89 प्रतिशत और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 6.25 प्रतिशत मिलेगा। इस राजस्व को प्रतिशत की जगह मात्रा के नजरिये से देखना चाहिये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सदस्य देशों को पिछले आठ वर्षों में जो रकम मिली है यह उसकी तुलना में काफी अधिक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इंग्लैंड का हिस्सा 41 मिलियन डॉलर (लगभग 3.3 अरब रुपये) है जबकि पिछले चक्र में उसे 16 मिलियन डॉलर (लगभग 1.32 अरब रुपये)   मिले थे। इसी तरह एसोसिएट देशों को 22 मिलियन डॉलर की जगह 67 मिलियन डॉलर मिलेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘, इस प्रतिशत की गणना क्रिकेट रैंकिंग , आईसीसी टूर्नामेंटों में प्रदर्शन और खेल में व्यावसायिक योगदान पर आधारित है । भारत खेल के व्यावसायिक पहलू में महत्वपूर्ण योगदान देता है ।’’ जब उन से पूछा गया कि क्या अन्य सदस्य देशों को वितरण असमान लगता है, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘असमानता का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि राजस्व की मात्रा बढ़ गई है।  ऐसा नहीं है कि सिर्फ ही बीसीसीआई उसी राजस्व से अधिक पैसा ले रहा है।’’ डरबन बैठक में  द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला का भविष्य पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। सदस्य देश इस बैठक के दौरान 2028-32 के बीच पांच साल के कैलेंडर को तैयार करने पर चर्चा करेगे। विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित आईसीसी आयोजनों के अलावा केवल भारत जैसे देश ही 50 ओवर के मैच के लिए दर्शकों को आकर्षित कर सकते हैं। टी20 क्रिकेट के आगमन और साल भर लीग क्रिकेट के आयोजन के साथ  हर दो साल में होने वाले एक वैश्विक टूर्नामेंट के बीच अब कोई भी सदस्य देश पांच मैचों या तीन मैचों की द्विपक्षीय श्रृंखला के भविष्य के बारे में बहुत निश्चित नहीं हो सकता है। आईसीसी बोर्ड के एक अन्य सदस्य ने कहा, ‘‘  प्रसारक भी अब बड़ी टीमों की टेस्ट श्रृंखला और टी20 श्रृंखला पर ध्यान दे रहे हैं।  सात घंटे की वनडे और महत्वहीन द्विपक्षीय श्रृंखलाओं से अब ज्यादा राजस्व नहीं आ रहा है। सदस्य देशों को इस पहलू पर गहन विचार-विमर्श करने की जरूरत है।’’ इस बैठक में एक बड़ा मुद्दा खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय लीग में खेलने की सीमा तय करना होगा। बड़ी संख्या में खिलाड़ी अब राष्ट्रीय टीम की जगह दुनिया भर के टी20 लीग में खेलने को तरजीह दे रहे हैं। बैठक कार्यक्रम: सोमवार: एसोसिएट सदस्य देशों की बैठक। मंगलवार: मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक। बुधवार: वित्तीय और वाणिज्यिक मामले (एफ एंड सीए) से जुड़े अधिकारियों की बैठक। गुरुवार: निदेशक मंडल की बैठक और एजीएम। भाषा आनन्द पंतपंत

 ⁠

लेखक के बारे में