चर्चिल बदर्स से 2013 में करार करने वाला था लेकिन अंतरआत्मा की आवाज से बीएफसी से जुड़ा: छेत्री

चर्चिल बदर्स से 2013 में करार करने वाला था लेकिन अंतरआत्मा की आवाज से बीएफसी से जुड़ा: छेत्री

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  • Publish Date - June 22, 2021 / 01:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री 2013 में गोवा के क्लब चर्चिल ब्रदर्स के साथ करार पर हस्ताक्षर करने वाले थे लेकिन ‘अंतरआत्मा की आवाज’ ने उन्हें बेंगलुरू एफसी (बीएफसी) का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया।

छेत्री ने इस टीम के साथ पिछले आठ वर्षों में आठ ट्राफियां जीतीं है।

इस 36 साल के दिग्गज ने कहा कि एएफसी कप में खेलने का लालच और उनके परिवार और दोस्तों ने चर्चिल में शामिल होने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने आखिर में गोवा के इस क्लब से नहीं जुड़ने का फैसला किया।

चर्चिल ब्रदर्स ने 2012-13 में आई-लीग का खिताब जीता और महाद्वीप की दूसरी स्तरीय क्लब प्रतियोगिता एएफसी कप में भाग लिया था।

उन्होंने ने कहा, ‘‘ सभी ने मुझे चर्चिल ब्रदर्स (2013) से जुड़ने का सुझाव दिया। वह आई-लीग चैम्पियन और बड़ी टीम थी और एएफसी कप में खेलने जा रही थी। दूसरी ओर एक नया क्लब (बेंगलुरु एफसी) था और किसी को नहीं पता था कि टीम के साथ कौन-कौन जुड़ेगा। मेरे लिये यह जोखिम की तरह था जिसे मैंने लेने का फैसला किया।’’

छेत्री ने बेंगलुरू एफसी के साथ अपने अनुबंध को और दो साल के लिए बढ़ा दिया है और वह 2023 तक इंडियन सुपर लीग टीम के साथ रहेंगे।

बेंगलुरु एफसी ने 2013 से आठ ट्राफियां जीती हैं, जिसमें दो आई-लीग खिताब (2013-14 और 2015-16) और एक इंडियन सुपर लीग चैम्पियनशिप (2018-19) शामिल हैं। बीएफसी 2015-16 एएफसी कप में उपविजेता भी रहा।

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में सबसे अधिक गोल करने के मामले में सक्रिय खिलाड़ियों में तीसरे स्थान पर काबिज छेत्री ने कहा, ‘‘ मैंने एक क्लब में ज्यादा समय नहीं बिताया है, यहां तक ​​कि उन क्लबों में भी जहां मेरा बहुत अच्छा तालमेल और समय था। मोहन बागान में तीन साल और जेसीटी में तीन साल शानदार रहे। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप किसी क्लब में लंबे समय तक रहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हो सकता है कि मेरे यहां से जाने की संभावना हो और लोगों की दिलचस्पी भी मुझ में हो, तो जाहिर तौर इस बारे में बातचीत हो रही थी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो मैं यहीं रहूंगा।’’

क्लब स्तर के 203 मैचों में 101 गोल करने वाले छेत्री ने कहा कि उनके लिए यह क्लब और शहर घर जैसा है।

भाषा आनन्द पंत

पंत