दिल्ली की टीम रणजी में 65 साल में पहली बार जम्मू कश्मीर से हारी

दिल्ली की टीम रणजी में 65 साल में पहली बार जम्मू कश्मीर से हारी

दिल्ली की टीम रणजी में 65 साल में पहली बार जम्मू कश्मीर से हारी
Modified Date: November 11, 2025 / 02:06 pm IST
Published Date: November 11, 2025 2:06 pm IST

… कुशान सरकार …

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा)  सलामी बल्लेबाज कामरान इकबाल के शानदार शतक की बदौलत जम्मू-कश्मीर ने मंगलवार को यहां दिल्ली को सात विकेट से शिकस्त देकर इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 65 साल में पहली जीत दर्ज की। दिल्ली क्रिकेट की गिरती साख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टीम तीन घरेलू मैचों में सिर्फ चार अंक हासिल कर सकी।  टीम कुल सात अंकों के साथ ग्रुप डी में आठ टीमों के बीच छठे स्थान पर है और उसे नॉकआउट के लिए क्वालीफाई के लिए चमत्कार की जरूरत होगी। सात बार की रणजी चैंपियन दिल्ली की टीम के इस तरह के पतन के कई कारण है जिसमें संदिग्ध चयन, खराब रणनीतियां, चतुर कप्तानी के अभाव के अलावा दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में गुटबाजी और अंदरूनी कलह प्रमुख है।  दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की टीमों ने 1960 से अब तक 43 बार एक दूसरे का आमना सामना किया है और इनमें से 37 मैचों में दिल्ली ने जीत दर्ज की है जबकि जम्मू कश्मीर की यह पहली जीत है। जीत के लिए 179 रन का पीछा कर रही जम्मू कश्मीर को मैच के आखिरी दिन 124 रन की जरूरत थी। सलामी बल्लेबाज इकबाल ने 147 गेंद में नाबाद 133 रन बनाकर जम्मू कश्मीर को आसान जीत दिला दी। जम्मू कश्मीर ने दिन की शुरुआत दूसरी पारी में 55 रन पर दो विकेट से आगे से की। इकबाल ने रात्रि प्रहरी वंशज शर्मा (60 गेंद में आठ रन) के साथ तीसरे विकेट के लिए 82 रन की साझेदारी कर दिल्ली को जीत से दूर कर दिया। बीते दिन जिस पिच पर बल्लेबाजों को परेशानी का सामना करना पड़ा था वहां इकबाल ने खुद जिम्मेदारी उठाते हुए मनन भारद्वाज और ऋतिक शौकिन जैसे दिल्ली के स्पिनरों के खिलाफ बेखौफ बल्लेबाजी की। इन स्पिनरों को पिच से कोई खास मदद नहीं मिली। इकबाल ने शतक पूरा करने के बाद एक हाथ से स्लॉग स्वीप पर मन मुताबिक छक्के जडे। जम्मू कश्मीर के कप्तान 40 साल के दिग्गज पारस डोगरा ने भी इस मैच की पहली पारी में शतक लगाकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया। अपने 22वें प्रथम श्रेणी सत्र रणजी ट्रॉफी में रनों के मामले में मुंबई के दिग्गज वसीम जाफर के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच गये डोगरा ने इस सत्र में मुंबई और दिल्ली दोनों के खिलाफ शतक बनाए। दिल्ली के पिछले सत्र में खराब प्रदर्शन के बावजूद एक गुट के दबाव में शरणदीप को मुख्य कोच बनाए रखा गया। कप्तान आयुष बदोनी ने अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया लेकिन डीपीएल में शीर्ष स्कोरर अर्पित राणा अच्छी तेज गेंदबाजी का डटकर सामना नहीं कर पाये। प्रियांश आर्य जैसे सकारात्मक सलामी बल्लेबाज़ को पहले दो मैचों में बेंच पर बैठाया गया और फिर चौथे नंबर पर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस हार के बाद डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली के सख्त रुख अपनाने की उम्मीद है। भाषा आनन्द मोनामोना

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