मैं मौजूदा एथलीटों से ईर्ष्या करती हूं क्योंकि मैंने गलत युग में प्रतिस्पर्धा की: अंजू

मैं मौजूदा एथलीटों से ईर्ष्या करती हूं क्योंकि मैंने गलत युग में प्रतिस्पर्धा की: अंजू

मैं मौजूदा एथलीटों से ईर्ष्या करती हूं क्योंकि मैंने गलत युग में प्रतिस्पर्धा की: अंजू
Modified Date: December 26, 2023 / 10:45 am IST
Published Date: December 26, 2023 10:45 am IST

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) विश्व एथलेटिक्स चैपियनशिप में भारत की पहली पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज ने देश में खेलों को बढ़ावा देने और बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने ‘गलत युग में’ प्रतिस्पर्धा की।

क्रिसमस के मौके पर प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए लंबी कूद की महान खिलाड़ी अंजू ने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के रूप में मैंने लगभग 25 वर्षों तक प्रतिस्पर्धा की और मैं बहुत सारे बदलाव देख रही हूं। जब मैंने 20 साल पहले भारत को पहला वैश्विक पदक दिलाया था तो मेरा विभाग भी मुझे पदोन्नति देने के लिए तैयार नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन नीरज (चोपड़ा) के पदक जीतने के बाद मैंने बदलाव देखे हैं… जिस तरह से हम जश्न मना रहे हैं… मैं उनसे ईर्ष्या करती हूं क्योंकि मैं गलत युग में थी।’’

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पेरिस में 2003 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली अंजू ने महिला सशक्तिकरण के बारे में बात की और यह भी बताया कि कैसे देश अब एथलीटों की उपलब्धियों का भी जश्न मनाता है।

उन्होंने कहा, महिला सशक्तिकरण अब सिर्फ एक शब्द नहीं है। हर भारतीय लड़की सपने देखने के लिए तैयार है और उन्हें पता है कि उनके सपने सच होंगे।’’

प्रधानमंत्री ने क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के साथ बातचीत की और अंजू इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थीं।

अंजू ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि निकट भविष्य में हम (खेल जगत में) शीर्ष पर होंगे।’’

अपनी अन्य उपलब्धियों में अंजू ने 2003 के एफ्रो-एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और 2004 के एथेंस ओलंपिक खेलों में 6.83 मीटर का अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिससे वह पांचवें स्थान पर रहीं थी। उन्हें 2002 में अर्जुन पुरस्कार, 2003 में खेल रत्न और 2004 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

भाषा सुधीर

सुधीर


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