भारत जीत का दावेदार लेकिन हमारा ध्यान अपने नियंत्रण वाले चीजों पर: डिवाइन
भारत जीत का दावेदार लेकिन हमारा ध्यान अपने नियंत्रण वाले चीजों पर: डिवाइन
नवी मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बात का कोई भ्रम नहीं है कि महिला विश्व कप के क्वार्टर फाइनल जैसे मैच में भारी दबाव के बावजूद भारत प्रबल दावेदार है लेकिन उनकी टीम अपनी क्षमता के अनुसार चीजों को नियंत्रित करने की कोशिश करेगी।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच बृहस्पतिवार को होने वाला मुकाबला बेहद अहम होगा क्योंकि मेजबान टीम जीत से सेमीफाइनल के लिए अपना दावा बेहद मजबूत कर लेगी।
न्यूजीलैंड को अंतिम चार में जगह बनाने के लिए अपने बाकी बचे दोनों मैच जीतने होंगे।
डिवाइन ने भारत के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘ ईमानदारी से कहूं तो, मैं कल्पना भी नहीं कर सकती कि भारतीय टीम किस तरह के दबाव में है। मुझे पता है कि जब हम अपने दर्शकों के सामने घरेलू विश्व कप में खेलते हैं तो अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव कई बार भारी पड़ जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कल्पना भी नहीं कर सकती कि एक अरब लोग टीवी स्क्रीन पर देखते हुए कैसा महसूस करते होंगे और उनके कंधों पर कितनी उम्मीदें और कितना बोझ होगा। मुझे सच में उनके लिए सहानुभूति है कि उन्हें इन सब से जूझने के साथ-साथ मैदान पर उतरकर अच्छा प्रदर्शन भी करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बात का कोई भ्रम नहीं है कि भारत अब भी प्रबल दावेदार है। हम ऐसे मैचों में ‘अंडरडॉग’ के तमगे के साथ मैदान पर उतरना पसंद करेंगे।’’
डिवाइन ने कहा कि न्यूजीलैंड भारत को चुनौती देने के लिए बारिश की भविष्यवाणी सहित बाहर के शोर को नजरअंदाज करने कोशिश करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि भारत अपने घरेलू मैदान पर किस दबाव में है, लेकिन हम मैदान पर उतरेंगे और जो हम नियंत्रित कर सकते हैं उसे नियंत्रित करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम एक टीम के रूप में जो अच्छा करते हैं उस पर टिके रहें। यह लगभग क्वार्टर फ़ाइनल जैसा है और हम वास्तव में उस दबाव की ओर बढ़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने ज्यादा बारिश वाले बादल नहीं देखे हैं, लेकिन कल रात जब भारत अभ्यास के लिए आया तो बारिश हुई। यह उन चीज़ों में से एक है जिसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते। हमें आगे बढ़ना होगा। हमने एक टीम के रूप में ऐसा किया है और हम अच्छी तरह जानते हैं कि हमारा रास्ता हमें कहां ले जाता है और इसे हासिल करने के लिए हमें क्या करना है।’’
भाषा
आनन्द सुधीर
सुधीर

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