महामारी के कारण भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी मैच और अभ्यास के बाद स्टेडियम में नहीं ले रहे आइस बाथ

महामारी के कारण भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी मैच और अभ्यास के बाद स्टेडियम में नहीं ले रहे आइस बाथ

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  • Publish Date - June 13, 2021 / 10:25 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

दोहा, 13 जून (भाषा) भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी मैच और अभ्यास के बाद आम तौर पर स्टेडियम की सुविधा का इस्तेमाल करते हुए वहां ‘आइस-बाथ’ लेते हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण वे ऐसा करने से बच रहे है।

खिलाड़ी मैच और अभ्यास के बाद आम तौर पर बर्फ के टुकड़ों वाले पानी में कुछ देर बैठते हैं। इसे आइस बाथ कहा जाता है। माना जाता है कि बर्फीले पानी में नहाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और शरीर जल्दी तरोताजा होता है।

भारतीय टीम 2022 फीफा विश्व कप और 2023 एशियाई कप के संयुक्त क्वालीफाइंग अभियान के लिए कतर की राजधानी में है।

भारतीय टीम के चिकित्सक शेरविन शेरिफ ने एआईएफएफ से कहा, ‘‘ संक्रमण के फैलने की किसी भी संभावना को रोकने के लिए हम अपने होटल के कमरों के बाथटब में आइस-बाथ कर रहे हैं।’’

शेरिफ टीम के सहयोगी सदस्यों में शामिल है जो पर्दे क पीछे से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके योगदान से सुनील छेत्री और गुरप्रीत सिंह संधू जैसे खिलाड़ियों को मैदान में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिल रही है।

भारतीय टीम के मुख्य को इगोर स्टिमक ने कहा, ‘‘ सहयोगी सदस्य टीम के लिए अमूल्य हैं । वे असली खिलाड़ी हैं। उनकी विशेषज्ञता के बिना, कोई भी फुटबॉल टीम कभी आगे नहीं बढ़ सकती।’’

टीम की चिकित्सा इकाई को वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट गिगी जॉर्ज संभालते हैं जो मैदान में मुश्किल दिन के बाद खिलाड़ियों के ठीक होने पर जोर देते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों की थकान दूर करना सबसे अहम है। सुबह के सत्र में हम पैर की मांसपेशियों और टखनों की सीमा के लचीलेपन की जाँच करते हैं। खिलाड़ियों की नींद और थकान या चोट के आकलन के बाद उसकी उपचार की योजना बनती हैं।’’

गिगे ने कहा, ‘‘ रोकथाम इलाज से बेहतर है।’’

शेरविन ने कहा कि खिलाड़ियों की जांच को सिर्फ शिविर तक सीमित नहीं रखा जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आधुनिक फ़ुटबॉल में आपको हर एक मिनट प्रत्येक खिलाड़ी पर नजर रखने की जरूरत होती है। जब खिलाड़ी शिविर में नहीं होते हैं, तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस पहलू पर पूछताछ करें और हर किसी को बेहतर स्थिति में रहने के लिए विशेष कार्यक्रम प्रदान करें।’’

भाषा आनन्द नमिता

नमिता