नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष कलिकेश सिंह देव ने कहा कि महासंघ फ्रेंचाइजी आधारित ‘भारतीय निशानेबाजी लीग’ से दर्शकों को आकर्षित करने करने का प्रयास करेगा और वह विदेशी संस्थाओं द्वारा हिस्सेदारी खरीदने के खिलाफ नहीं है।
देव ने यह बात महासंघ की इस टूर्नामेंट पर अहम फैसले लेने के लिए हुई बैठक के बाद कही।
लीग का शुरूआती चरण इस साल के अंत में आयोजित किया जाना है।
खेल की वैश्विक संस्था ‘अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ’ (आईएसएसएफ) ने आधिकारिक तौर पर लीग के लिए नवंबर-दिसंबर की विंडो आवंटित की है और इसके 24 नवंबर से सात दिसंबर तक आयोजित होने की संभावना है।
लीग में छह से आठ टीमों के मालिक होंगे और नीलामी के माध्यम से खिलाड़ियों के लिए बोली लगाई जाएगी।
प्रत्येक टीम में 12 एथलीट (छह पुरुष, छह महिला) शामिल होंगे जिनमें अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ी (दो पुरुष, दो महिला) शामिल होंगे।
देव ने शनिवार को एनआरएआई की संचालन परिषद की बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने (संभावित) फ्रेंचाइजी के साथ बातचीत शुरू कर दी है। लेकिन मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि कोई विदेशी फ्रेंचाइजी इसमें दिलचस्पी क्यों लेगी क्योंकि वे इसमें हिस्सेदारी नहीं ले सकते। यह निश्चित रूप से देश के कानून के अधीन ही है। ’’
भारत में लगभग एक लाख पंजीकृत निशानेबाज होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश द्वारा जीते गए पदकों में से लगभग 50 प्रतिशत पदक जीतने के बावजूद निशानेबाजी एक ऐसा खेल है जिसमें दर्शकों की संख्या काफी कम है।
देव ने स्वीकार किया कि बड़े पैमाने पर दर्शकों को आकर्षित करना एक ‘चुनौती’ बनी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘आईएसएसएफ और एनआरएआई इस बारे में सोच रहे हैं कि निशानेबाजी को दर्शकों के लिए और अधिक अनुकूल कैसे बनाया जाए। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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