आईओसी ने 2036 ओलंपिक मेजबान चुनने के ‘उचित’ समय का पता लगाने के लिए बोली प्रक्रिया रोकी

आईओसी ने 2036 ओलंपिक मेजबान चुनने के ‘उचित’ समय का पता लगाने के लिए बोली प्रक्रिया रोकी

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  • Publish Date - June 26, 2025 / 09:03 PM IST,
    Updated On - June 26, 2025 / 09:03 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) ओलंपिक 2036 के लिए भारत की बोली पर फैसले में उम्मीद से अधिक समय लगने वाला है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की नई अध्यक्ष कर्स्टी ने बृहस्पतिवार को पूरी प्रक्रिया पर ‘रोक’ लगाने की घोषणा की और भावी मेजबान की पहचान के ‘उचित समय’ का पता लगाने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया।

आईओसी की पहली महिला और पहली अफ्रीकी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद एक ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व ओलंपिक चैंपियन तैराक कर्स्टी ने कहा कि सदस्यों के बीच प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए आम सहमति है। इससे पहले बोली पर फैसला अगले साल होने की उम्मीद थी।

जिंबाब्वे की 41 वर्षीय कर्स्टी ने लुसाने में अपनी पहली कार्यकारी बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, ‘‘आईओसी सदस्यों से भविष्य के मेजबान चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा करने और रोक लगाने के लिए भारी समर्थन मिला है और हम इस पर विचार करने के लिए एक कार्य समूह का गठन करेंगे।’’

उन्होंने दो दिवसीय बैठक के बाद कहा, ‘‘(ऐसा) दो मुख्य कारणों से हुआ है। सबसे पहले, सदस्य इस प्रक्रिया में अधिक से अधिक शामिल होना चाहते हैं और दूसरा, इस बात पर काफी चर्चा हुई कि अगला मेजबान कब चुना जाना चाहिए।’’

कर्स्टी ने कहा कि कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों को लगा कि भविष्य के प्रस्तावों पर आगे बढ़ने से पहले पहले से तय किए गए भावी मेजबानों लॉस एंजिलिस (2028 ग्रीष्मकालीन खेल), ब्रिस्बेन (2032 ग्रीष्मकालीन खेल) और फ्रेंच आल्प्स (2030 शीतकालीन खेल) के अनुभव का अध्ययन किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इस बात पर बहुत चर्चा हुई कि भावी मेजबान का चुनाव करने का उचित समय कब है। और यह भी कि हमें भावी मेजबान का चयन कैसे करना चाहिए।’’

भारत ने पिछले साल अक्टूबर में 2036 खेलों की मेजबानी के लिए एक आशय पत्र प्रस्तुत किया था। खेल सचिव हरि रंजन राव के नेतृत्व में उच्च पदस्थ अधिकारियों वाले एक प्रतिनिधिमंडल के अगले महीने इस मुद्दे पर अनौपचारिक बातचीत के लिए लुसाने जाने की योजना है।

कर्स्टी ने कहा कि यात्रा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सभी इच्छुक पक्ष इस विराम का हिस्सा बनें और इस पर विचार करें। मुझे अगले सप्ताहांत आने वाले प्रतिनिधिमंडल के बारे में पता है जो जारी रहेगा।’’

भाषा सुधीर नमिता

नमिता