पंत और नायर के आउट होने से इंग्लैंड के लिए जीत का रास्ता खुला: शास्त्री

पंत और नायर के आउट होने से इंग्लैंड के लिए जीत का रास्ता खुला: शास्त्री

पंत और नायर के आउट होने से इंग्लैंड के लिए जीत का रास्ता खुला: शास्त्री
Modified Date: July 16, 2025 / 01:23 pm IST
Published Date: July 16, 2025 1:23 pm IST

लंदन, 16 जुलाई (भाषा) भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि पहली पारी में ऋषभ पंत के आउट होने और दूसरी पारी में करुण नायर के विकेट से लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के लिए जीत का रास्ता खुला।

इंग्लैंड ने 193 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे भारत को 170 रन पर आउट करके 22 रन से जीत हासिल की और इस तरह से पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 की बढ़त बना ली।

शास्त्री ने ‘द आईसीसी रिव्यू’ में कहा, ‘‘इस टेस्ट मैच में मेरे लिए पहला टर्निंग प्वाइंट ऋषभ पंत का आउट होना (पहली पारी में) था।’’

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शास्त्री ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की सूझबूझ की सराहना की, जिन्होंने तीसरे दिन लंच के समय पंत को 74 रन पर रन आउट किया।

उन्होंने कहा, ‘‘बेन स्टोक्स ने पंत को रन आउट करने के लिए अद्भुत सूझबूझ का परिचय दिया। अगर यह विकेट नहीं गिरता तो भारत अच्छी स्थिति में पहुंच जाता।’’

करुण और केएल राहुल ने चौथे दिन दूसरी पारी में भारत का स्कोर एक विकेट पर 41 रन तक पहुंचाया था, लेकिन तेज गेंदबाज ब्रायडन कार्स की गेंद पर करुण ने कोई शॉट नहीं खेला और पगबाधा आउट करार दे दिए गए।

इससे भारतीय आपरी लड़खड़ा गई और इंग्लैंड को वापसी करने का मौका मिल गया।

शास्त्री ने कहा, ‘‘करुण नायर की एकाग्रता को लेकर यह बहुत बड़ी चूक थी। उन्होंने एक सीधी गेंद को छोड़ दिया और इंग्लैंड के लिए रास्ता खोल दिया। मैच का वह महत्वपूर्ण दौर था और मुझे लगता है कि इससे मैच की स्थिति बदल गई।’’

पूर्व भारतीय कप्तान ने यह भी कहा कि भारतीय शीर्ष क्रम को दूसरी पारी में थोड़ी अधिक समझदारी दिखानी चाहिए थी।

शास्त्री ने कहा, ‘‘क्योंकि हमने देखा कि जब सिराज ने बल्लेबाजी की, जब बुमराह ने बल्लेबाजी की, जब जडेजा ने बल्लेबाजी की, एक बार जब गेंद 40 ओवर पुरानी हो गई, तो उन्होंने शायद ही कोई गलती की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका डिफेंस काफी मजबूत था और पांचवें दिन लंच के समय लग रहा था कि मैच अगले 10 मिनट में समाप्त हो जाएगा। ऐसे में 82 या 83 रन के अंतर को 22 रन पर लाना बड़ी उपलब्धि थी। इससे पता चलता है कि यदि चौथे दिन शीर्ष क्रम ने थोड़ी दृढ़ता दिखाई होती तो यह मैच भारत जीत जाता।’’

भाषा

पंत

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