पीसीबी पीएसएल के बचे हुए मैच अबुधाबी में करायेगा, यूएई से मिली मंजूरी

पीसीबी पीएसएल के बचे हुए मैच अबुधाबी में करायेगा, यूएई से मिली मंजूरी

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  • Publish Date - May 20, 2021 / 04:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

कराची, 20 मई (भाषा) पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार से सभी तरह की मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के छठे सत्र के बचे हुए मैचो का आयोजन अबु धाबी में करने के लिए तैयार है।

इस साल मार्च में शुरुआती 14 मैचों के बाद इस टी20 लीग के बायो-बबल (जैव सुरक्षित माहौल) में कोरोना वायरस मामलों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

पीसीबी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस बात की पुष्टि करता है कि उसने अबु धाबी में पाकिस्तान सुपर लीग के बचे हुए 20 मैचों के आयोजन के लिए संयुक्त अरब अमीरात सरकार से सभी तरह की मंजूरी हासिल कर ली है।’’

इससे पहले बुधवार को पीसीबी ने कहा था कि यूएई सरकार से अगर अगले 24 घंटे में सभी तरह की मंजूरी नहीं मिली तो पीएसएल को टाल दिया जाएगा।

पीसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसीम खान ने कहा, ‘‘ हम खुश हैं क्योंकि अबु धाबी में पीएसएल के मैचों के आयोजन से जुड़ी सभी बाधाओं को दूर कर दिया गया है। हम इसके लिए तैयार हैं।’’

बोर्ड ने कहा कि वह छह फ्रेंचाइजी मालिकों के साथ ऑनलाइन बैठक करके इसकी तारीखों को तय करेगा।

खान ने कहा, ‘‘ पीसीबी आने वाले कुछ दिनों में सभी टीम मालिकों से संपर्क कर आयोजन से संबंधित सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देगा। इसका विवरण आने वाले समय में साझा किया जाएगा।’’

बोर्ड को हालांकि मैचों के आयोजन में अभी कुछ और बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि यूएई सरकार के निर्देशों के मुताबिक अबु धाबी में सभी खिलाड़ियों और अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सात दिनों के लिए पृथकवास पर रहना होगा। टूर्नामेंट से पहले सबको को कई जांच से गुजरना पड़ता है।

विदेशी एवं स्थानीय खिलाड़ियों और अधिकारियों को भी अबु धाबी के लिए चार्टर्ड विमान लेने से पहले तीन दिनों के लिए पाकिस्तान में पृथकवास पर रहना होगा।

मार्च में लीग के स्थगित होने के बाद पीसीबी ने एक से 20 जून तक बचे हुए मैचों को पहले कराची में कराने का फैसला किया था लेकिन देश में कोविड-19 के खतरे को देखते हुए इसे यूएई में कराने का फैसला किया गया था।

भाषा

आनन्द पंत

पंत