नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता 3000 मीटर स्टीपलचेज धावक अविनाश साबले को उम्मीद है कि वह विश्व चैंपियनशिप की निराशा को दूर करके चीन के हांगझोउ में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतेंगे और नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाएंगे।
साबले मौजूदा सत्र में अब तक अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं जिसमें पिछले महीने बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा की हीट (शुरुआती दौर) में निराशाजनक सातवें स्थान पर रहना भी शामिल है। साबले फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे थे।
एशियाई खेलों से पहले साबले का मानना है कि वह सत्र का सर्वश्रेष्ठ नतीजा हासिल करने के लिए मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में हैं।
साबले ने मीडिया से वर्चुअल बातचीत के दौरान कहा, ‘‘एशियाई खेल सत्र की मेरी अंतिम प्रतिस्पर्धा होगी। इस साल मैंने किसी भी रेस में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने के लिए हिस्सा नहीं किया लेकिन मुझे उम्मीद है कि मैं हांगझोउ में अपना सर्वश्रेष्ठ समय हासिल करूंगा। मैं एशियाई खेलों में सर्वश्रेष्ठ समय निकालने के लिए दौड़ूंगा। मैंने जो ट्रेनिंग की है उससे मुझे अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और स्पर्धा जीतने की उम्मीद है।’’
हांगझोउ में साबले अपनी पसंदीदा 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा के अलावा 5000 मीटर दौड़ में भी हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्टीपलचेज को लेकर आश्वस्त हूं और मेरा मुख्य लक्ष्य इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है लेकिन मेरा ध्यान 5000 मीटर स्पर्धा पर भी है।’’
साबले एक अक्टूबर को 3000 मीटर स्टीपलचेज जबकि चार अक्टूबर को 5000 मीटर दौड़ में हिस्सा लेंगे।
साबले ने स्वीकार किया कि विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने गलतियां की और उस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के बाद दोबारा प्रेरणा हासिल करना मुश्किल था।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछली विश्व चैंपियनशिप के लिए मेरी तैयारी अच्छी थी। मैंने सोचा कि क्वालीफाई करना मुश्किल नहीं होगा क्योंकि मैं शत प्रतिशत फिट महसूस कर रहा था। लेकिन मैंने कुछ गलतियां की। मुझे नहीं लगता कि गति में कमी थी।’’
साबले ने कहा, ‘‘आखिरी बार पानी में कूदने के दौरान मैं चूक गया। मुझे लगा कि मैंने स्पर्धा में जल्दी हार मान ली। उस दिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उस रेस से काफी कुछ सीखा। जब रेस धीमी हो जाती है तो धीमा दौड़ने वाले धावक भी अच्छा नतीजा हासिल कर सकते हैं। मैंने सीखा कि अपनी पहली रेस में अपना सर्वश्रेष्ठ दो और फिर फाइनल के बारे में सोचो।’’
साबले ने कहा कि उस समय उनके कोच ने उनका पूरा समर्थन किया और उन्होंने एक साथ मिलकर खामियों को दूर करने पर काम करते हुए एशियाई खेलों की तैयारी की।
साबले का साथ ही मानना है कि उन्हें नहीं लगता कि मौसक का हांगझोउ में उनके प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हांगझोउ का मौसम बेंगलुरू की तरह होगा जहां मैं ट्रेनिंग कर रहा हूं। अमेरिका के कोलोराडो में मार्च तक तीन महीने खुशनुमा मौसम था और इसके बाद गर्मी हो गई। इसलिए मुझे नहीं लगता कि मौसम का प्रदर्शन पर अधिक असर होगा। ’’
भाषा सुधीर नमिता
नमिता