शंकर और विहारी के शतक से त्रिपुरा का विशाल स्कोर
शंकर और विहारी के शतक से त्रिपुरा का विशाल स्कोर
अगरतला, नौ नवंबर (भाषा) पूर्व भारतीय बल्लेबाज विजय शंकर के करियर के सर्वश्रेष्ठ नाबाद 150 रन और हनुमा विहारी के 156 रन से त्रिपुरा ने रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप सी मैच के दूसरे दिन रविवार को यहां असम के खिलाफ पहली पारी सात विकेट पर 602 रन बनाकर घोषित की।
मौजूदा सत्र में तमिलनाडु का साथ छोड़कर त्रिपुरा की ओर से खेलने वाले शंकर ने 143 गेंद की अपनी पारी में 14 चौके और चार छक्के मारे।
इससे पहले विहारी ने 228 गेंद में 18 चौकों और दो छक्कों से 156 रन बनाए। विकेटकीपर सेंतु सरकार (94) और कप्तान मणिशंकर मूरासिंह (52) ने भी अर्धशतक जड़े।
इसके जवाब में असम ने दिन का खेल खत्म होने तक चार विकेट पर 67 रन बनाए।
त्रिपुरा की ओर से तेज गेंदबाज अभिजीत सरकार ने 10 रन देकर दो विकेट चटकाए।
असम की टीम अब भी 535 रन से पीछे है जबकि उसके सिर्फ छह विकेट बचे हैं।
सूरत में बंगाल ने 474 रन बनाने के बाद तेज गेंदबाज सूरज सिंधू जायसवाल (17 रन पर चार विकेट) की तूफानी गेंदबाजी से रेलवे का स्कोर पांच विकेट पर 97 रन करके अपना पलड़ा भारी रखा।
रेलवे की टीम अब भी 377 रन से पीछे है जबकि उसके सिर्फ पांच विकेट बचे हैं।
बंगाल की ओर से अनुस्तूप मजूमदार ने 135 जबकि सुमंत गुप्ता ने अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक जड़ते हुए 120 रन की पारी खेली। मजूमदार ने 182 गेंद की अपनी पारी में 15 चौके मारे जबकि गुप्ता ने 153 गेंद का सामना करते हुए 15 चौके और दो छक्के जड़े।
नाडियाड में गुजरात और सेना के बीच चल रहा मैच रोमांचक मोड़ पर है।
सेना के 248 रन के जवाब में गुजरात ने चार विकेट पर 171 रन बना लिए हैं।
दिन का खेल खत्म होने पर उर्विल पटेल 37 जबकि क्षितिज पटेल 18 रन बनाकर खेल रहे थे।
गुजरात की टीम सेना के पहली पारी के स्कोर से 77 रन पीछे है जबकि उसके छह विकेट शेष है।
रोहतक में उत्तराखंड ने हरियाणा पर शिकंजा कस दिया है। हरियाणा के 112 रन के जवाब में उत्तराखंड ने युवराज चौधरी (60) और जगदीश सुचित (50) के अर्धशतक से 288 रन बनाकर पहली पारी के आधार पर 176 रन की बढ़त हासिल की।
हरियाणा ने दूसरी पारी में 105 रन तक छह विकेट गंवा दिए हैं। मेजबान टीम अब भी पहली पारी के आधार पर 71 रन से पीछे है जबकि उसके सिर्फ चार विकेट बचे हैं।
दिन का खेल खत्म होने पर धीरू सिंह 31 जबकि कपिल हुड्डा 25 रन बनाकर खेल रहे थे।
भाषा सुधीर पंत
पंत

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