खेल सचिव ने एनएसएफ को कहा, 29 अगस्त तक एशियाड 2026 चयन योजना तैयार करो

खेल सचिव ने एनएसएफ को कहा, 29 अगस्त तक एशियाड 2026 चयन योजना तैयार करो

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  • Publish Date - July 17, 2025 / 03:32 PM IST,
    Updated On - July 17, 2025 / 03:32 PM IST

नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) खेल सचिव हरि रंजन राव ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) से आग्रह किया कि वे अगले साल होने वाले एशियाई खेलों के लिए 29 अगस्त तक अपनी चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दें जिससे कि जापान में होने वाले इन शीर्ष महाद्वीपीय खेलों की तैयारियों पर अधिक ध्यान दिया जा सके।

राव राष्ट्रीय राजधानी में एक दिवसीय ‘खेलो भारत कॉन्क्लेव’ में एनएसएफ को संबोधित कर रहे थे जहा भारतीय खेलों को आगे बढ़ाने की कार्ययोजना पर विभिन्न हितधारकों द्वारा चर्चा की जा रही है जिसमें खेल मंत्री मनसुख मांडविया, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और कारपोरेट घरानों के प्रतिनिधि और प्रमुख पूर्व एथलीट शामिल हैं।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक की भी भूमिका निभा रहे राव ने उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘हमें 29 अगस्त तक एशियाई खेलों के लिए चयन योजना बनानी चाहिए जो राष्ट्रीय खेल दिवस (और हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद की जयंती) भी है। अगर हम ऐसा करते हैं तो हमारे पास तैयारी के लिए पूरा एक साल होगा।’’

एशियाई खेल अगले साल 19 सितंबर से चार अक्टूबर तक आइची-नागोया में आयोजित होंगे। भारत का लक्ष्य चीन के हांगझोउ में हुए पिछले टूर्नामेंट में हासिल किए गए 28 स्वर्ण पदक सहित कुल 106 पदक के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर करना होगा।

राव का एनएसएफ को यह सुझाव खेल मंत्रालय द्वारा हर चार साल में होने वाले एशियाई खेलों और विश्व तथा महाद्वीपीय चैंपियनशिप के लिए चयन प्रक्रियाओं पर सख्त दिशानिर्देश जारी करने के कुछ महीने बाद आया है।

मंत्रालय ने एनएसएफ से ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियाई खेल, पैरा एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए चयन मानदंडों को कम से कम दो साल पहले सार्वजनिक करने को कहा है।

हालांकि जैसा कि राव के बयान से स्पष्ट है, अगले साल के एशियाई खेलों के लिए योजना अब भी तैयार नहीं हुई है।

निर्देशों में एनएसएफ के लिए अपनी-अपनी वेबसाइटों पर चयन नीतियों को अपलोड करना अनिवार्य किया गया है और प्रतियोगिता में कम से कम तीन महीने बचे होने की स्थिति में ही इनमें बदलाव किया जा सकता है। चयन ट्रायल की वीडियोग्राफी करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

निशानेबाजी जैसे खेलों में चयन मानदंड के मानकीकरण की मांग लंबे समय से चली आ रही है। जाने-माने पिस्टल कोच जसपाल राणा ने कहा है कि जिन नीतियों को पहले से सूचिबद्ध नहीं किया जाता उनका खिलाड़ियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अतिरिक्त सचिव की भूमिका निभा चुके राव ने राष्ट्रीय खेल महासंघों से अपने वार्षिक प्रशिक्षण और प्रतियोगिता कैलेंडर (एसीटीसी) को डिजिटल बनाने और अगले कुछ महीनों में उन्हें अपलोड करने का भी आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से सहयोग का अनुरोध करता हूं, आइए एक अक्टूबर तक इसे ऑनलाइन कर दें। आइए इस ऑफलाइन एसीटीसी दस्तावेजों से छुटकारा पाएं।’’

राव ने यह भी बताया कि हाल ही में जारी खेलो भारत नीति के अनुसार तीन कार्यबल पर काम चल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘तीनों कार्यबल को कोच की गुणवत्ता में सुधार, प्रशासकों का एक अच्छा समूह बनाने और भारत को खेल निर्माण का केंद्र बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन कार्यबल का गठन जल्द ही किया जाएगा।’’

इसके अलावा अहमदाबाद स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की दो प्रयोगशालाएं अब चालू हो गई हैं और प्रतिबंधित पदार्थों की संभावित उपस्थिति के लिए पूरक पदार्थों की जांच कर रही हैं जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खिलाड़ियों को किसी भी प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन से बचाया जा सके।

अगले सप्ताह संसद में प्रशासकों की जवाबदेही पर जोर देने वाले राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक को पेश किया जाना है और राव ने कहा कि राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए कार्रवाई करने का यह सही समय है।

भाषा सुधीर पंत

पंत