श्रीहरि नटराज ने कई अड़चनों के बावजूद ‘ए’ मानक हासिल किया

श्रीहरि नटराज ने कई अड़चनों के बावजूद ‘ए’ मानक हासिल किया

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  • Publish Date - June 30, 2021 / 02:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

(अपराजिता उपाध्याय)

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) कोविड-19 महामारी के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से श्रीहरि नटराज की ट्रेनिंग में बार-बार बाधायें आती रहीं लेकिन भारत के इस शीर्ष तैराक को पूरा भरोसा था कि वह तोक्यो ओलंपिक के लिये ‘ए’ कट हासिल कर पायेंगे।

जब पिछले साल दुबई में दो महीने का राष्ट्रीय शिविर आयोजित किया था तो नटराज मार्च के मध्य से सितंबर तक तरणताल में नहीं उतर पाये थे।

स्वदेश लौटने के बाद पाबंदियों में थोड़ी ढील दी गयी और उन्होंने बेंगलुरू में ट्रेनिंग शुरू की लेकिन जब भी राज्य में कोविड-19 वायरस के मामले बढ़ते तो सबसे पहले तरणतालों को ही बंद किया जाता।

लेकिन 20 साल के इस तैराक ने इन परेशानियों के बावजूद बुधवार को आधिकारिक रूप से तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया जब तैराकी की विश्व संस्था ने रोम में सेटे कोली ट्राफी में पुरूषों की 100 मीटर बैकस्ट्रोक टाइम ट्रायल में उनके ‘ए’ कट को मंजूरी दे दी।

नटराज ने पीटीआई से कहा, ‘‘लॉकडाउन ने काफी प्रभावित किया लेकिन अगर शुरूआत अच्छी होती तो काफी फर्क पड़ता। लेकिन लॉकडाउन लगने का भी कारण था और मेरा इस पर कोई नियंत्रण नहीं था इसलिये पुरानी बात सोचने का कोई मतलब नहीं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इंतजार करता रहा और संयम बरतते हुए भविष्य के लिये कोशिश करता रहा। ’’

यह पूछने पर कि लॉकडाउन के दौरान ऐसा समय भी आया जब उन्हें लगा हो कि वह ‘ए’ कट हासिल नहीं कर पायेंगे तो नटराज ने तुंरत जवाब दिया, ‘‘एक बार भी नहीं। ’’

नटराज सीधे ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल करने वाले दूसरे भारतीय और युवा तैराक हैं।

उन्होंने स्वीकार किया कि तरणताल से बाहर रहने के कारण उन्हें खुद के साथ समय बिताने का मौका मिला जो वह पहले नहीं कर पाते थे।

नटराज ने कहा, ‘‘मैं इसका आनंद ले रहा था क्योंकि मैंने कभी भी पहले एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली थी। मैंने कुछ वजन भी बढ़ा लिया। लेकिन एक बार तरणताल में वापसी के बाद सबकुछ अलग हो गया क्योंकि मैंने अधिक अभ्यास करके ज्यादा कैलोरी कम करना शुरू कर दिया। ’’

भाषा नमिता पंत

पंत