बुनियादी सिद्धांतों पर टिके रहने और टीम में प्रतिस्पर्धा ने दक्षिण अफ्रीका को मजबूती दी: नोर्किया

बुनियादी सिद्धांतों पर टिके रहने और टीम में प्रतिस्पर्धा ने दक्षिण अफ्रीका को मजबूती दी: नोर्किया

  •  
  • Publish Date - December 16, 2025 / 06:43 PM IST,
    Updated On - December 16, 2025 / 06:43 PM IST

…अपराजिता उपाध्याय…

लखनऊ, 16 दिसंबर, लखनऊ (भाषा) तेज गेंदबाज एनरिच नोर्किया के अनुसार बुनियादी बातों पर टिके रहना और टीम में सीमित स्थान के लिए बड़ी संख्या में मौजूद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा ने पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण अफ्रीका के सभी प्रारूपों में मजबूत बनाया है। पिछले साल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप खिताब और टी20 विश्व कप फाइनल में पहली बार पहुंचने जैसी ऐतिहासिक उपलब्धियों से उत्साहित दक्षिण अफ्रीका ने खुद को विश्व क्रिकेट की खुद को एक बार फिर से मजबूत टीम के तौर पर स्थापित कर लिया है। दक्षिण अफ्रीका ने भारत दौरे पर भी इस सफलता को जारी रखते हुए टेस्ट श्रृंखला में 2-0 से जीत दर्ज की । यह भारत में 25 वर्षों में उनकी पहली जीत थी। नोर्किया ने चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय से पहले मंगलवार को यहां कहा, ‘‘ टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। टीम में कुछ नये और कुछ पुराने चेहरे है और उसे शानदार तरीके से संभाला जा रहा है। कुछ खिलाड़ी काफी समय से टीम से बाहर थे, लेकिन अब उन्हें लगातार और अधिक क्रिकेट खेलने का मौका मिल रहा है।’’ नोर्किया भारत दौरे पर टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन उनके मुताबिक सभी प्रारूप के टीमों के दृष्टिकोण में स्पष्टता दिखाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कुछ समय से टेस्ट टीम के साथ नहीं रहा हूं लेकिन इस टीम (टी20) में वापसी कर उनकी सरल रणनीति को देखकर, मैं भी यथासंभव सरल रहने की कोशिश कर रहा हूं। मेरे कोशिश भी मौके का फायदा उठाने की है।’’ इस तेज गेंदबाज ने दक्षिण अफ्रीका की सफेद गेंद क्रिकेट में सफलता का श्रेय खिलाड़ियों की भूमिका में स्पष्टता और टीम के अंदर की प्रतिस्पर्धा को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल सफेद गेंद क्रिकेट टीम के बारे में ही बात कर सकता हूं। बाहर से देखने पर ऐसा लगता है कि खिलाड़ी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वे आपस में बहुत अच्छे से घुल-मिल रहे हैं और टीम में हर कोई अपनी भूमिका जानता है। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ टीम के अंदर भी बहुत प्रतिस्पर्धा है। यह अवसर पैदा करती है और टीम के खिलाड़ियों पर थोड़ा दबाव भी डालती है, जो अच्छी बात है। आप राष्ट्रीय टीम में यही चाहते हैं।’’ नोर्किया ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि टीम में इस तरह की संस्कृति का विकास पिछले एक-दो साल में हुआ है। इससे खिलाड़ियों पर दबाव पड़ता है और बहुत से खिलाड़ियों को जगह पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। भाषा आनन्द मोनामोना