Ravindra Jadeja will return in the Border-Gavaskar Trophy

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ये दिग्गज खिलाड़ी करेगा वापसी, नाम सुनकर बौखलाएं ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर

Border-Gavaskar Trophy :  जिस धुरंधर ऑलराउंडर के बारे में चर्चा हो रही है, वह कोई और नहीं बल्कि रवींद्र जडेजा हैं।

Edited By :   Modified Date:  February 5, 2023 / 10:11 PM IST, Published Date : February 5, 2023/10:11 pm IST

नई दिल्ली : Border-Gavaskar Trophy :  भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को सीमित ओवरों की क्रिकेट सीरीज में मात दी। वनडे में टीम इंडिया की कमान रोहित शर्मा ने संभाली तो वहीं टी20 में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने कप्तानी की। अब टीम इंडिया का अगला मिशन ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में हराना है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज का पहला टेस्ट मैच 9 फरवरी से नागपुर में खेला जाना है। इस मैच से मैदान पर एक धुरंधर वापसी करेगा।

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5 महीने बाद वापसी करेंगे रवींद्र जडेजा

Border-Gavaskar Trophy :  जिस धुरंधर ऑलराउंडर के बारे में चर्चा हो रही है, वह कोई और नहीं बल्कि रवींद्र जडेजा हैं। घुटने की सर्जरी से उबरकर लगभग पांच महीने बाद बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में वापसी करने को तैयार रवींद्र जडेजा खुद को खुशकिस्मत मानते हैं। जडेजा का मानना है कि वह भाग्यशाली हैं कि करियर प्रभावित करने वाली चोट के बाद उन्हें फिर से भारतीय टीम की जर्सी पहनने का मौका मिलेगा। इस चोट के कारण जडेजा पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप से भी बाहर हो गए थे।

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टी20 वर्ल्ड कप से पहले चोटिल हुए थे जडेजा

Border-Gavaskar Trophy :  पिछले साल खेले गए टी20 वर्ल्ड कप से पहले रवींद्र जडेजा को घुटने की सर्जरी करनी पड़ी। इसके कारण वह पांच महीने तक मैदान से दूर रहे। जडेजा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं कि लगभग पांच महीने के बाद मुझे फिर से भारतीय जर्सी पहनने का मौका मिला। यहां तक पहुंचने का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा। अगर आप 5 महीने तक क्रिकेट नहीं खेल रहे तो यह बहुत निराशाजनक हो जाता है। मैं जल्द से जल्द फिट होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था ताकि भारत के लिए खेल सकूं।’

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जडेजा ने किया डॉक्टर्स की सलाह का पालन

Border-Gavaskar Trophy :  जडेजा ने कहा कि वर्ल्ड कप से पहले या बाद में सर्जरी कराना उनके लिए व्यक्तिगत रूप से एक मुश्किल फैसला था लेकिन अंत में उन्होंने डॉक्टर की सलाह का पालन किया। उन्होंने कहा, ‘वर्ल्ड कप में मेरे खेलने की संभावना वैसे भी काफी कम थी। इसलिए मैंने अपना मन बनाया और सर्जरी करा ली।’ जडेजा ने कहा कि सर्जरी के बाद वास्तव में मुश्किल दौर था लेकिन भारतीय जर्सी पहनने की प्रेरणा से उन्होंने इस समय का डटकर सामना किया। उन्होंने कहा, ‘जब मैं टीवी पर मैच देखता था तो मेरे दिमाग में चोटिल होने के कारण नहीं खेलने का मलाल रहता था। जब मैं वर्ल्ड कप देख रहा था, तो मैं चाहता था कि मैं भी वहां रहूं।’

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कठिन था चोट के बाद का समय

Border-Gavaskar Trophy : उन्होंने कहा, ‘चोट के बाद दो महीने विशेष रूप से कठिन थे क्योंकि मैं कहीं नहीं जा सकता था। मैं ठीक से चल भी नहीं सकता था। वह काफी महत्वपूर्ण समय था और मेरा परिवार और दोस्त मेरे साथ खड़े थे। एनसीए के ट्रेनर्स ने भी मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया।’ पिछले महीने जडेजा ने चेन्नई में तमिलनाडु के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए खेल में सफल वापसी की। उन्होंने कहा, ‘मुझे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि मैं 5 महीने तक धूप में नहीं गया था। मैं इंडोर ट्रेनिंग कर रहा था इसलिए जब मैं मैदान में गया तो मैं सोच रहा था कि क्या मेरा शरीर टिक सकता है। पहला दिन बहुत मुश्किल था। हम सभी चेन्नई की गर्मी के बारे में जानते हैं। फिर मेरा शरीर स्थिति के अनुकूल हो गया और मैं अच्छा और फिट महसूस कर रहा था।’

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