नयी दिल्ली, 13 मार्च (भाषा) भारतीय बास्केटबॉल की तरह देश के स्क्वाश जगत में भी ‘सिंह बहनें’ अमीरा और अनहत अपने अपने जूनियर वर्गों में शानदार प्रदर्शन से शीर्ष रैंकिंग पर बनी हुई हैं और दोनों का लक्ष्य खेल के साथ पढ़ाई में भी संतुलन बनाये रखना है।
अठारह वर्षीय अमीरा चाणक्यपुरी में ब्रिटिश स्कूल की छात्रा है और वह अर्थशास्त्र की पढ़ाई के लिये इस साल बोस्टन जायेंगी और प्रतिष्ठित हारवर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगी।
लेकिन भारत की जूनियर नंबर एक (अंडर-19) खिलाड़ी क्या हारवर्ड में पढ़ाई और खेल में संतुलन बनाये रखेंगी तो उनकी मां तन्वी वाढेरा सिंह ने शनिवार को पीटीआई से कहा, ‘‘यही उसका लक्ष्य है। मौजूदा विश्व नंबर एक खिलाड़ी मिस्र के अली फराग ने हारवर्ड से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है। हारवर्ड यूनिवर्सिटी में शानदार स्क्वाश टीम है और कुछ बेहतरीन कोच भी हैं। इससे अमीरा को बतौर खिलाड़ी आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वह हमेशा ही पढ़ाई में अच्छी थी और वह दोनों में संतुलन बनाये रखती थी। इसलिये उसके लिये इस यूनिवर्सिटी का चयन किया। ’’
अमीरा एशियाई और विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और वह महाद्वीपीय टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीतने वाली टीम की भी सदस्य थीं।
उन्होंने दिसंबर 2019 में एडिनबर्ग में स्कॉटिश ओपन जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
स्क्वाश अब भी ओलंपिक खेल नहीं है लेकिन सौरव घोषाल, जोशना चिनप्पा और दीपिका पल्लीकल ने एशियाड और राष्ट्रमंडल खेलों में काफी सफलता हासिल की है।
वहीं अनहत (13 वर्ष) दो बार राष्ट्रीय चैम्पियन रह चुकी हैं और वह अंडर-15 वर्ग में भारत की नंबर एक खिलाड़ी हैं। वह करीब 50 टूर्नामेंट जीत चुकी हैं और उन्होंने 2019 और 2020 में ब्रिटिश जूनियर ओपन में क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीते थे।
उनकी मां ने कहा, ‘‘वह बहुत अच्छी बैडमिंटन खिलाड़ी थी लेकिन जब उसने अपनी बड़ी बहन को स्क्वाश में अच्छा करते देखा तो उसने भी यही खेल खेलना शुरू कर दिया। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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