प्रदेश के जेलों में 7 हजार 400 से अधिक बंदी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त
प्रदेश के जेलों में 7 हजार 400 से अधिक बंदी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त
मध्यप्रदेश की जेलों में सुरक्षा का मुद्दा तो सबसे अहम है.. इसके अलावा प्रदेश की जेलों में कैदियों की बीमारी भी बड़ा मुद्दा है.. प्रदेश की जेलों में बंद कैदी लगातार गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं और इनके इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है.
मध्य प्रदेश की जेलों में बंद हर पांचवां बंदी जानलेवा बीमारी की चपेट में है.. ये खुलासा तब हुआ जब जेल मुख्यालय ने पूरे प्रदेश से कैदियों का लेखा-जोखा मंगवाया.. इसके मुताबिक प्रदेश की जेलों में कुल 37 हजार 6 सौ 49 बंदी हैं.. जिनमें से 7 हजार 4 सौ 46 से ज्यादा बंदी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं.. 48 बंदी HIV से पीड़ित हैं.. इनमें सबसे ज्यादा जबलपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं.. दिल की बीमारियों से पीड़ित 188, कैंसर से पीड़ित 16, टीबी से पीड़ित 108, डायबिटीज से पीड़ित 336 और मानसिक रोगों से पीड़ित 430 कैदी हैं। बेहतर इलाज ना मिलने के पीछे हकीकत ये है कि अधिकांश जेलों में डॉक्टर नहीं हैं.. डेली बेस पर डॉक्टर भेजे जाते हैं.. इसके बाद भी उपकरण और दवाएं उपलब्ध ना होने की वजह से सही इलाज नहीं हो पाता.. हालांकि जेल ADG का कहना है कि कैदियों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाती है।

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