न्यायाधीशों के खिलाफ टिप्पणियां परेशान करने वाली एक नयी प्रवृत्ति: रविशंकर प्रसाद

न्यायाधीशों के खिलाफ टिप्पणियां परेशान करने वाली एक नयी प्रवृत्ति: रविशंकर प्रसाद

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  • Publish Date - February 27, 2021 / 11:54 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

पटना, 27 फरवरी (भाषा) केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधिक कार्यकर्ताओं द्वारा उन न्यायाधीशों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने पर शनिवार को सख्त एतराज जताया जो उनकी याचिकाओं पर अनुकूल आदेश जारी नहीं करते हैं और इसे ‘‘परेशान करने वाली एक नयी प्रवृत्ति’’ करार दिया।

प्रसाद भारत के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे द्वारा पटना उच्च न्यायालय की एक नई इमारत के उद्घाटन के मौके पर यहां एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य भी मौजूद थे।

प्रसाद ने जनहित याचिकाएं दायर करने वालों के अनुकूल फैसला नहीं आने पर उनके द्वारा न्यायाधीशों के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘‘घोर अनुचित’’ टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से एक फैसले के तर्क की आलोचना कर सकते हैं। लेकिन मैं एक नयी प्रवृत्ति देख रहा हूं जिस पर मैं आज बात करने की जरूरत समझता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी चिंताओं को सार्वजनिक करने की सोच रहा था। मैंने यहां ऐसा करने के बारे में फैसला किया।’’

केन्द्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए हाल ही में जारी किए गए दिशानिर्देशों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम स्वतंत्रता के समर्थक हैं। हम आलोचना के समर्थक हैं। हम असहमति के भी समर्थक हैं। लेकिन, मुद्दा सोशल मीडिया के दुरुपयोग का है। सोशल मीडिया पर किसी के लिए भी शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ‘‘एससी, एसटी और ओबीसी को उचित आरक्षण देने की इच्छा रखती है’’, जो न्यायपालिका को अधिक ‘‘समावेशी’’ बनाएगी।

प्रसाद ने पिछले साल कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौती का सामना करने में न्यायपालिका की भूमिका पर संतोष व्यक्त किया।

इस साल 31 जनवरी तक देशभर में डिजिटल रूप से सुने जाने वाले मामलों की संख्या 76.38 लाख थी। इनमें से 24.55 लाख मामलों पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में, अन्य 51.83 लाख मामलों पर जिला अदालतों में और 22,353 मामलों पर शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रशंसा की बात है।’’

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप