पालघर, छह मार्च (भाषा) महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में आरक्षण से संबंधित उच्चतम न्यायालय के बृहस्पतिवार के आदेश के मुताबिक पालघर जिला प्रशासन ने शनिवार को स्थानीय जिला परिषद और पंचायत समितियों के 29 लोगों की सदस्यता को रद्द कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि महाराष्ट्र के संबंधित जिला निकायों में अन्य पिछड़ा वर्गों के लिये आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये मिलाकर कुल सीटों के 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता।
पालघर जिला परिषद में 57 सदस्य हैं और यहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आदि के लिये आरक्षण 53 प्रतिशत है जो उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
अधिकारियों ने कहा कि ऐसी ही स्थिति जिले में दहानू, वाडा, पालघर और वसई पंचायत समितियों में है जहां कुल 80 सीटों में से 56 विभिन्न श्रेणियों के लिये आरक्षित हैं।
पालघर के जिलाधिकारी माणिक गुरसाल द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि पालघर जिला परिषद के 15 सदस्य और उपरोक्त पंचायत समितियों से 14 सदस्य अयोग्य ठहराए जाते हैं और यह सीटें अब सामान्य श्रेणी की मानी जाएंगी।
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प्रशांत माधव
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