नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों के एटीएम खाली हो गए हैं। बताया जा रहा है कि कैश की कमी के कारण एटीएम में रूपए नहीं डाले जा पा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से एटीएम में कैश न उपलब्ध होने से फिर नोटबंदी जैसी परेशानी हो रही है। रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि अब अर्थव्यवस्था में नकदी की हालत नोटबंदी के पहले वाले दौर से भी बेहतर है, ऐसे में इस संकट की वजह दूसरी है।
छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से संकट चल रहा है। अकेले रायपुर में एसबीआई के करीब 250 एटीएम हैं। इसमें रोजाना 25-30 करोड़ कैश की जरूरत पड़ती है, लेकिन एसबीआई के पास केवल 3 करोड़ रूपए आ रहे हैं। जिसके कारण एसबीआई के आधे से ज्यादा एटीएम खाली पड़े हुए हैं। कुछ एक एटीएम में पैसे हैं, तो पांच सौ के नोट निकल रहे हैं। एसबीआई के एटीएम पैसे की कमी के कारण बंद पड़े हुए हुए हैं।
उधर, रिजर्व बैंक ने इन राज्यों में नकदी की आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए हैं और उम्मीद जताई है कि जल्दी ही हालात सामान्य हो जाएंगे। रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है।
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सरकारी सूत्रों का कहना है कि कई राज्यों में बैसाखी, बिहू और सौर नव वर्ष जैसे त्योहार होने की वजह से लोगों को ज्यादा नकदी की जरूरत थी। लोग नकदी का जमावड़ा न करने लगें और अफरा-तफरी न मचे इसके लिए वित्त मंत्रालय ने तत्काल रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की. सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों के अधिकारियों और बैंक प्रमुखों से परामर्श भी किया।
इसके अलावा कर्नाटक में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए वहां भी नकदी की मांग काफी बढ़ गई है. फसल के समय किसानों द्वारा भी नकदी की निकासी बढ़ जाती है। कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, इसकी वजह से इस मसले पर तत्काल राजनीति भी शुरू हो गई।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ में कुछ लोगों ने गुस्से में एक एटीएम में तोड़फोड़ की। रिजर्व बैंक एक अधिकारी ने बताया कि 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी से पहले मार्केट में 500 और 1000 के नोटों का कुल सर्कुलेशन 17.74 लाख करोड़ रुपये मूल्य का था, जबकि इस समय बड़े नोटों का सर्कुलेशन 18 लाख करोड़ रुपये मूल्य से ज्यादा है।
वेब डेस्क, IBC24
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