मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार : तुलसी सिलावट के बंगले पर जश्न, ऐसा रहा सियासी सफर… देखिए

मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार : तुलसी सिलावट के बंगले पर जश्न, ऐसा रहा सियासी सफर... देखिए

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  • Publish Date - January 3, 2021 / 04:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में आज मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ही अजा तुलसी सिलावट के बंगले पर जश्न मनाने और बधाई देने समर्थक पहुंच गए। आज तुलसी सिलावट मंत्री पद की शपथ लेंगे। इस दौरान तुलसी सिलावट ने कहा कि वे सीएम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे और जो पोर्टफोलियो मुख्यमंत्री उन्हे देंगे वो मंजूर है। तुलसी सिलावट के साथ गोविंद सिंह राजपूत भी शपथ लेगें।

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तुलसी सिलावट का सियासी सफर इस प्रकार रहा है-

  • इंदौर की सावेर सीट से विधायक तुलसी सिलावट वर्ष 1977 से 1979 तक इंदौर के शासकीय आर्ट एवं कॉमर्स कॉलेज तथा 1980-81 में देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे…
  • 1982 में इंदौर नगर निगम में पार्षद बने।वर्ष 1985 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता और उन्हें संसदीय सचिव की अहम जिम्मेदारी दी गई।
  • 1995 में नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। इसके बाद 1998-2003 तक ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली।
  • 2007 में उपचुनाव में कांग्रेस ने उन्हें फिर से टिकिट दिया और वे जीते। इसके बाद 2008 के आम चुनाव में जीत हासिल हुई।
  • सिलावट 2018 में चौथी बार विधायक बने और कमलनाथ सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्हें स्वास्थ्य विभाग की अहम जिम्मेदारी दी गई। ऽ 10 मार्च 2020 को उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
  • शिवराज सरकार में उन्हें जल संसाधन और मछुआ कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर वे 5वीं बार विधायक बने।

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वहीं गोविंद सिंह राजपूत का सियासी सफर इस प्रकार रहा है-

  • युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, 4 बार जीता विधानसभा चुनाव।
  • सागर की सुरखी सीट से विधायक गोविंद सिंह राजपूत प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
  • वर्ष 2002 से मार्च 2020 तक प्रदेश कांग्रेस के महासचिव और उपाध्यक्ष के पद पर रहे।
  • 2003 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता। उन्हें कांग्रेस विधायक दल के सचेतक की अहम जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी थी।
  • राजपूत 2008 में दूसरी बार विधायक बने। लेकिन 2013 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें बीजेपी विधायक पारुल साहू ने हराया था।
  • 2018 में बीजेपी उम्मीदवार सुधीर यादव को हरा कर राजपूत एक बार फिर विधायक बन गए। उन्हें कमलनाथ सरकार में परिवहन और राजस्व जैसे बड़े विभाग की जिम्मेदारी मिली।
  • 10 मार्च 2020 को गोविंद सिंह राजपूत विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
  • शिवराज सरकार में भी गोविंद सिंह राजपूत परिवहन और राजस्व मंत्री रहे।