रायपुर। छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता और सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष मोहन एंटी ने अपने विवादास्पद बयान पर माफी मांग ली है। मोहन एंटी के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही थी और प्रदेश भाजपा के लिए उनका बचाव कर पाना मुश्किल हो रहा था। मोहन एंटी ने एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान बतौर भाजपा प्रवक्ता ये कहा था कि शिक्षाकर्मी बेहद छोटे स्तर के कर्मचारी हैंए मजदूर हैं। छत्तीसगढ़ में पिछले महीने ही संविलियन की मांग को लेकर संविदा शिक्षकों ने दो हफ्ते लंबी हड़ताल की थी। इसी हड़ताल का हवाला देते हुए मोहन एंटी ने टिप्पणी की थी कि ये ट्रेड यूनियनिज़्म है, शिक्षाकर्मी छोटे स्तर के कर्मचारियों की तरह नोटिस देते हैं और हड़ताल करते हैं। जैसे ही उनका ये बयान शिक्षाकर्मियों के संज्ञान में आया, भाजपा नेता के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल दिया। शिक्षक संघ नेताओं ने मोहन एंटी के इस बयान को शिक्षकों का अपमान बताया और इसकी शिकायत भाजपा संगठन से करने की चेतावनी देते हुए उनसे माफी की मांग की।
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छत्तीसगढ़ में संविदा शिक्षकों की संविलियन की मांग एक बड़ा मुद्दा है। हाल ही में मध्य प्रदेश में भाजपा की ही शिवराज सिंह चौहान सरकार ने शिक्षकों के संविलियन को मंजूरी दी है। शिवराज सरकार के इस फैसले के बाद से छत्तीसगढ़ में भी नए सिरे से संविलियन की मांग ने जोर पकड़ लिया है। ऐसे में मोहन एंटी का ये बयान छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेताओं के निशाने पर भी आ गया। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा कि भाजपा सरकार राज्य के बच्चों को सिर्फ मजदूर बनाना चाहती हैए इसलिए उसे शिक्षाकर्मी नेता मजदूर नज़र आते हैं।
.@BJP4CGState मानसिक रूप से दिवालिया हो चुकी है, इसलिए उन्हें शिक्षाकर्मी नेता मजदूर नजर आते हैं। भाजपा को इस शर्मनाक एवं दुखद बयान के लिए शिक्षकों एवं राज्य की ढ़ाई करोड़ जनता से माफी मांगनी चाहिए।
— Bhupesh Baghel (@Bhupesh_Baghel) January 28, 2018
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शिक्षाकर्मियों और फिर कांग्रेस की ओर से मोहन एंटी पर अपना बयान वापस लेने का दबाव बना हुआ था और उनसे शिक्षकों से माफी मांगने की मांग तेज़ हो रही थी। आखिरकार मोहन एंटी ने अपने इस बयान पर माफी मांग ली।
वेब डेस्क, IBC24