सीएम भूपेश ने कलेक्टर्स को लिखा पत्र, नए साल की बधाई के साथ पेंडिंग मामलों को निपटाने की हिदायत

सीएम भूपेश ने कलेक्टर्स को लिखा पत्र, नए साल की बधाई के साथ पेंडिंग मामलों को निपटाने की हिदायत

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  • Publish Date - December 31, 2018 / 11:03 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखकर नव वर्ष 2019 की शुभकामनाएं दी है। इस पत्र में उन्होंने कलेक्टर्स को शासन की प्राथमिकताएं बताने के साथ नागरिकों को जनोपयगी सेवाएं निर्धारित समय-सीमा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स से कहा है कि लंबित आवेदनों का 15 जनवरी 2019 तक निराकरण किया आए। इसकी समीक्षा वे खुद करेंगे और निराकरण में विलंब पर दोषियों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा है कि राज्य के नागरिकों को जनोपयोगी सेवाएं समय-सीमा में उपलब्ध कराना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत विभिन्न विभागों द्वारा 200 से अधिक नागरिक सेवाएं निर्धारित समय-सीमा में जनसामान्य को उपलब्ध कराने के लिए चिन्हांकित की गई है। इन सेवाओं को समय-सीमा में नागरिकों को उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में कलेक्टर्स से कहा है, यह देखा जा रहा है कि आम-नागरिकों को छोटे-छोटे काम कराने के लिए शासकीय कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं, उन्हें अनावश्यक परेशानी होती है और निर्धारित समय-सीमा में नागरिकों को आवश्यक सेवाएं प्राप्त नहीं हो पा रही है। अतः सभी कलेक्टर 15 दिसम्बर 2018 की स्थिति में जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों , उनके निराकरण की स्थिति तथा निर्धारित समय-सीमा में उपलब्ध नहीं कराई गई सेवाओं की संख्या, देरी का कारण एवं समय पर आवेदनों के निराकरण नहीं करने पर समक्ष अधिकारी द्वारा की गई दंडात्मक कार्रई की पूरी जानकारी 7 जनवरी 2019 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए।

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उन्होंने कलेक्टर्स को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी लंबित आवेदनों का 15 जनवरी 2019 तक निराकरण कर दिया जाए और भविष्य में सभी आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाए। बघेल ने कहा है कि वे स्वयं दिन-प्रतिदिन के आधार पर आवेदनों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे और आवेदनों के निराकरण में विलंब होता है, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्क कार्रवाई की जाएगी।