घरेलू हिंसा के मामले में युवती के निजी जीवन का जिक्र करने पर अदालत ने वकील को फटकारा

घरेलू हिंसा के मामले में युवती के निजी जीवन का जिक्र करने पर अदालत ने वकील को फटकारा

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  • Publish Date - April 8, 2021 / 02:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

मुंबई, आठ अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने घरेलू हिंसा के मामले में एक युवती के निजी जीवन का जिक्र किए जाने पर बृहस्पतिवार को एक वकील को फटकार लगाई।

महिला की ओर से पेश हुई वकील ने कहा कि पीड़ित की बेटी के कई ‘ब्वॉयफ्रेंड’ हैं जिसपर अदालत ने उन्हें फटकार लगा दी।

न्यायमूर्ति एस एस शिन्दे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ शहर निवासी एक युवती की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अनुरोध किया है कि उसकी मां द्वारा उसके खिलाफ दर्ज कराए गए घरेलू हिंसा के मामले में निचली अदालत द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को निरस्त किया जाना चाहिए।

शिकायतकर्ता महिला की ओर से पेश हुईं वकील केनी ठक्कर ने अदालत से कहा कि युवती को उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना है और इसीलिए वह अपने खिलाफ दर्ज शिकायत को निरस्त करने का अनुरोध कर रही है।

उन्होंने कार्यवाही निरस्त करने के युवती के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उसके कई ‘ब्वॉयफ्रेंड’ हैं।

न्यायमूर्ति पिताले ने वकील से तत्काल कहा कि वह दलील की इस ‘लाइन’ को रोकें।

उन्होंने वकील से कहा, ‘‘यह क्या दलील है? यह उसकी (याचिकाकर्ता) जिन्दगी है। यह क्या दलील है कि उसके कई ब्वॉयफ्रेंड हैं। यह घटिया दर्जे की दलील है।’’

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता मां को खुश होना चाहिए कि याचिकाकर्ता उससे दूर जा रही है, जिसके खिलाफ उन्होंने घरेलू हिंसा के आरोप लगाए हैं।

पीठ ने याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया और कहा कि फैसला 19 अप्रैल को सुनाया जाएगा।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप