भले ही आज हम 21वीं सदी में पहुंच गए हो लेकिन आज भी ग्रामीण इलाकों में ऊंची जाति वाले एवं दबंगों की सोच दसवीं 12वीं शताब्दी की ही है आज भी कुछ गांव में दलितों को छुआ छूत की नजरों से देखा जाता है ऐसा ही एक मामला नरसिंहपुर के सीरेगांव में देखने को मिला जहां पर दलितों को दबंगों ने मंदिर में प्रवेश करने एवं पूजा पाठ करने से इसलिए रोक दिया क्योंकि वह नीची जाति के हैं और वह दबंग नहीं चाहते की हरिजन उनके साथ बैठकर पूजा करें बीती शाम भी जब दलित मंदिर में पूजा करने जा रहे थे तभी कुछ उंची जात वाले लोगों ने दलितों को मंदिर में नहीं घुसने दिया और जातिगत टिप्पणी करते हुए उन्हें मंदिर से बाहर कर मंदिर में ताला लगा दिया। दलितों का आरोप है कि ये दबंग आए दिन उनके साथ ऐसा ही छुआछूत भरा व्यवहार करते हैं।
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दलितों ने गांव के दबंग बीरू राजपूत और उसके साथियों के खिलाफ एसडीएम से भी जाकर गुहार लगाई वही जिला प्रशासन तक जैसे ही जातिगत भेदभाव की खबर पहुंची तो तुरन्त क्लेक्टर ने आदेश जारी करते हुए संबंधित दोषियों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी करते हुए दलितों के मंदिर में पूजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश एसडीएम को जारी किये। भले ही प्रशासन दोषियों पर दंडात्मक कार्यवाही कर उन्हें सजा दे दे पर आरोपियों की दखियानुसी सोच हमारी 21 वी सदी के सभ्य समाज को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर रही है जहां इंसान ही इंसान के लिए भेदभाव की मानसिकता अपने मन मे लिए बैठा है। नरसिंहपुर से पंकज गुप्ता की रिपोर्ट, IBC24 वेब डेस्क, *कमेंट बाॅक्स में अपनी राय लिखना ना भूलें
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