अपने पूर्व साथी के खिलाफ नक्सलियों का फरमान, लिखी जन अदालत में सजा देने की बात

अपने पूर्व साथी के खिलाफ नक्सलियों का फरमान, लिखी जन अदालत में सजा देने की बात

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  • Publish Date - March 6, 2019 / 12:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

दोरनापाल। नक्सलियो की ओर से जारी प्रेस नोट ने इस बार लोगों को हैरान कर दिया है दरअसल नक्सलियो के दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव विकास द्वारा जारी प्रेस नोट मे नक्सलियो की सबसे मज़बूत कमेटी मे से एक कोन्टा एरिया कमेटी के पूर्व चीफ़ अर्जुन द्वारा सरेंडर करने की बात लिखी गई है।

हालांकि अर्जुन ने सरेंडर किया है इसकी आधिकारिक पुष्टी अभी नहीं हुई है। जिसके चलते पुलिस एंव इलाक़े के लोगों के होश उड़े हूए है। ग़ौरतलब है की अर्जुन वह हार्डकोर नक्सली है जो इलाक़े की कई बड़ी वारदातों मे शामिल रहा है और अर्जुन द्वारा सरेंडर करने की बात जानकर भी लोग मानने से इंकार कर रहे है।इसी बीच विकास द्वारा जारी प्रेस नोट मे लिखा गया है की अर्जुन दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी का सदस्य था जो 24 फ़रवरी संगठन छोड़ कर भागा और दुश्मन के सामने घुटने टेक दिया,नक्सलियो ने आगे लिखा है की इसके तुरंत बाद अर्जुन ने पुलिस अधिकारियों से मिलकर नक्सलियो को बड़ा नुक़सान पहुँचाने की योजना बनाई है। नक्सलियो ने आरोप लगाते हूए लिखा है का इस योजना के तहत किस्टाराम गाजुलगट्टा भेज्जी एलाड़मड़गु इत्तागुफा कैम्पों से पुलिस जवान सल्लातोंग दुबमर्का पोट्टेमड़गु कन्नेमर्का गुंडराजपाड़ टोंडामर्का सिंगनमड़गु आदी गाँवों मे एक साथ हमला करके सिंगनमड़गु के पास कुछ काम से जाते वक़्त नक्सलियो का पीएसजीए सदस्य मड़कम गंगा की गोली मार कर हत्या करने का आरोप लगाया गया है।

वही पर्चे मे पोट्टेमड़गु गाँव के पास नक्सलियो के पाँच डम्प को ले जाने का आरोप लगाया गया है वही सल्लातोंग गाँव के पास बड़ेसट्टी पंचायत निवासी रवा माड़ा की बेदम पिटाई करने का आरोप लगाया है वही दूबमर्का के एक ग्रामीण को पकड कर ले जाने का भी आरोप जवानों पर लगाया गया है। वही कन्नेमर्का पोट्टेमड़गु के तीन ग्रामीणों की पिटाई करने का भी जवानों पर आरोप लगाया गया है।

अर्जुन के साथ वालों की माने तो 2001 में अर्जुन संगठन का पूर्णकालिक सदस्य बना था। उसके बाद नक्सलियो की दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव विकास द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट मे बताया गया है की अर्जुन वर्ष 2001 मे नक्सली संगठन के पूर्णकालिन सदस्य बना था तब से अर्जुन पामेड़ एरिया ज़ोन डिविज़न सीएनएम जैसी ज़िम्मेदारी सम्भाल चुका है वर्ष 2012 से 2018 तक अर्जुन डिविजनल कमेटी का सदस्य बना और सीएनएम का प्रभार दिया गया वही 2012 से 2015 तक अर्जुन नक्सलियो की सबसे मज़बूत माने जाने वाली कोन्टा एरिया कमेटी का सुप्रीमो बना दिया गया था वही इसके बाद नक्सलियो का आरोप है की संगठन के अनुशासन से हटकर अर्जुन गुटबाजी और अन्य कारणों से राजनितीक पतन शुरू हो गया जून 2018 मे अर्जुन को एक वर्ष के लिए निलम्बित किया गया।

 

नक्सल संगठन के सचिव विकास द्वारी जारी प्रेस नोट मे कमांडर अर्जुन पर गंभीर आरोप लगाते हूए लिखा गया है की पत्नी होने के बावजूद अर्जुन द्वारा दूसरी महिला के साथ गलत सम्बंध रखने के कारण अर्जुन को एक वर्ष के लिए निलम्बित कर दिया गया जिसके बाद अर्जुन को एरिया कमेटी के सदस्य के रूप मे किस्टाराम इलाक़े मे रखा गया था इसी बीच अर्जुन बाहरी व्यक्तियों से सम्बंध रखते हूए नक्सली संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यवाही के दौरान संगठन रहने का मौक़ा माँगा इसी बीच अर्जुन द्वारा मौक़े भाग जाने का आरोप लगाया गया है वही जनअदालत मे अर्जुन को सज़ा सुनाने की भी चेतावनी दी गई है ऐसा हूआ तो पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी सफलता नक्सल मामलों के कई जानकारों का मानना है की अगर नक्सली कमांडर व कोन्टा एरिया कमेटी के पूर्व सुप्रीमो अर्जुन द्वारा सरेंडर किया गया है तो छत्तीसगढ पुलिस के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी सफलता होगी जानकार कहते है की अर्जुन कोई आम नक्सली नही है बलकी नक्सल संगठन की दक्षिण बस्तर डिविज़न मे रीढ़ की हड्डी हूआ करता था और सीएनएम दल का सुप्रीमो होने के साथ गाँव गांव मे अर्जुन लोगों को काफ़ी प्रभावित करता था जिससे लोगों का आकर्षण नक्सलवाद की ओर बढ़ने लगता था जानकारों का कहना है की अर्जुन के सरेंडर से नक्सलियो को बड़ा नुक़सान भी होगा।