कोविड-19 का चमत्कारिक उपचार बताई जा रही आयुर्वेदिक दवा का वितरण रोका गया

कोविड-19 का चमत्कारिक उपचार बताई जा रही आयुर्वेदिक दवा का वितरण रोका गया

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  • Publish Date - May 22, 2021 / 03:59 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

अमरावती, 22 मई (भाषा) कोविड-19 का चमत्कारिक उपचार बताई जा रही ‘कृष्णापटनम मेडिसिन’ नाम की आयुर्वेदिक दवा के वितरण को वैज्ञानिक रूप से इसकी प्रभावशीलता स्थापित होने तक अनिश्चितकाल के रोक दिया गया है। इस दवा के लिये गांव में हजारों लोगों की भीड़ जुट रही थी।

आंध्र प्रदेश के आयुष विभाग के विशेषज्ञों का एक दल आयुक्त रामुलु नाइक के नेतृत्व में शनिवार को इस दवा की जांच के लिये कृष्णापटनम पहुंचा।

एसपीएस नेल्लोर जिले के संयुक्त जिलाधिकारी एम एन हरेंधीरा प्रसाद ने कहा कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही दवा का वितरण शुरू होगा।

प्रसाद ने कहा, “आईसीएमआर और आयुष के दल दवा का अध्ययन कर रहे हैं और रिपोर्ट आने में कम से कम 10 दिन लग सकते हैं। इसके बाद अगर सरकार मंजूरी देती है तो दवा के वितरण की मंजूरी दी जाएगी।”

संयुक्त जिलाधिकारी ने लोगों से कृष्णपटनम नहीं आने को कहा है क्योंकि दवा का वितरण रोक दिया गया है।

आयुर्वेदिक चिकित्सक एम आनंदैया करीब एक महीने से लोगों को अपनी दवा वितरित कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा हो रही है जिसकी वजह से कृष्णपटनम गांव में लोगों की भारी भीड़ जुट रही है।

आंध्र प्रदेश सरकार इसे ‘स्थानीय स्वास्थ्य पद्धति और परंपरा’ के तौर पर पेश कर रही है क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों का यह मानना है कि कोविड से निपटने में यह दवा उनकी मदद कर रही है।

प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को यह मामला केंद्रीय आयुर्वेदिक शोध संस्थान (सीएआरआई) के समक्ष उठाया था और उससे इस दवा की प्रभावशीलता के निर्धारण के लिये “बेहद वैज्ञानिक और प्रमाणिक” परीक्षण करने को कहा था।

सीएआरआई अपने विजयवाड़ा स्थित क्षेत्रीय केंद्र से सोमवार को दवा की तैयारी की प्रक्रिया, उसमें इस्तेमाल अवयव और अन्य पहलुओं की जांच के लिये अपने विशेषज्ञों का दल भेजने को सहमत हो गया है।

प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अनिल कुमार सिंघल ने बताया कि दवा के नमूनों पर अब तक की गई शुरुआती जांच में किसी तरह की नुकसानदेह सामग्री नहीं मिली है।

इसबीच स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कुछ दिनों पहले यह दवा लेने वाले विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राधानाचार्य कोटैय्या की तबीयत शनिवार को ज्यादा बिगड़ गई थी हालांकि एसपीएस नेल्लोर जिले से आने वाले जल संसाधन मंत्री अनिल कुमार यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानाचार्य की हालत स्थिर है।

उन्होंने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर दवा के बारे में भ्रामक जानकारी डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने कहा, “अध्ययन चल रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार दवा पर कोई फैसला लेगी।”

भाषा

प्रशांत माधव

माधव