कोरबा। जिले में इन दिनों करीब 20 से ज्यादा गांव में हाथियों का उत्पात जारी है। आलम यह है कि गजराज अब यमराज का रूप धारण कर लोगों की जान ले रहे हैं इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 20 दिनों में कोरबा जिले में 6 लोगों की मौत हाथी हमले से हो चुकी है। ऐसे में गांव के लोग जहां बेबस नजर आ रहे हैं तो वहीं वन विभाग का अमला भी लाचार दिख रहा है।
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आपको बता दें कि हाथी के मौजूदगी की सूचना इन दिनों वन विभाग का अमला गांव गांव जाकर दे रहा है मगर इस कवायद के बाद भी हाथियों का उत्पात कम नहीं हो रहा और यही कारण है कि कोरबा जिले के कटघोरा और कोरबा वन मंडल के 20 से ज्यादा गांव इन दिनों हाथियों के उत्पात के कारण प्रभावित हैं. आलम यह कि इन गांव में लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं तो उनकी रातों की नींद भी उड़ चुकी है।
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दरअसल कोरबा वन मंडल क्षेत्र के कोरबा, कुदमुरा,करतला, फसरखेत, बताती, नोन बिर्रा, चांपा,पीड़िया,सुकदुकला, केंदई, गुरसिया, मड़ई जैसे दर्जनों गांव है जहां हाथी लगातार उत्पात मचा रहे हैं और यही कारण है कि कोरबा वन मंडल में बीते 8 दिनों में 4 लोगों की मौत हो चुकी है।वहीं कटघोरा वनमंडल क्षेत्र में 2 लोगों की जान हाथी के हमले से हो गई है ऐसे में ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं और सबसे बड़ी समस्या की लघु वनोपज पर आश्रित ग्रामीण जंगल नहीं जा पा रहे यही नहीं रात को सभी ग्रामीण रतजगा करने को भी मजबूर हैं।
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कोरबा और कटघोरा वनमंडल क्षेत्र में करीब 50 से ज्यादा हाथियों का दल अलग अलग दलों में बटा हुआ है जिसके ट्रैफिकिंग के लिए वन विभाग की तरफ से ट्रैफिकिंग दल का भी गठन किया गया है जो हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखती है वन विभाग का कहना है कि लगातार हाथियों की उपस्थिति वन विभाग को होने पर तत्काल इसकी सूचना ग्रामीणों को दी जा रही है मगर इसके बाद भी ग्रामीण जंगल जा रहे हैं इस कारण ही हाथी का सामना होने के कारण अब तक उनकी मौत हुई है हालांकि वन विभाग का कहना यह भी है कि लोगों को और जागरूक कर उन्हें जंगल जाने से रोका जाएगा ताकि मौतों के आंकड़े को कम किया जा सके मगर इन सबके बीच गंभीर बात यह कि प्रभावित इलाके के ग्रामीण अपने आप को परेशान और बेबस पा रहे हैं क्योंकि घर में रहने के बाद भी उन्हें हाथी की आमद की चिंता सता रही है।
वेब डेस्क IBC24