किसान आंदोलन के समर्थन में अमेठी और बलिया में किसानों ने काला दिवस मनाया

किसान आंदोलन के समर्थन में अमेठी और बलिया में किसानों ने काला दिवस मनाया

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  • Publish Date - May 26, 2021 / 02:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

अमेठी/बरेली, 26 मई (भाषा) तीन कृषि कानूनों के विरोध में छह माह से चल रहे किसान आंदोनलन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन भानु गुट ने बुधवार को अमेठी कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाया ।

भारतीय किसान यूनियन भानू गुट के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अमेठी कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए ।

इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन भानु के जिला अध्यक्ष शिव कुमार पांडे ने बताया कि आज का आयोजन तीनों किसान विरोधी कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने आज काला दिवस के रूप मे मनाया है ।

उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं की तीनों किसान कानून वापस लिये जायें और किसानों के साथ न्याय हो।

उधर बलिया से मिली खबर के अनुसार किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर युवा चेतना के द्वारा बुधवार को काला दिवस मनाया गया। इस दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं ने अर्ध नग्न होकर प्रदर्शन किया ।

समाजसेवी संस्था युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह व संगठन कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया । संगठन राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि अन्नदाता कहा जाने वाला भारत का किसान पिछले छह महीने से देश की राजधानी की सीमा पर बैठा हुआ है और मोदी सरकार सोई है। उन्होंने कहा कि किसान को देश में भगवान माना जाता है , परंतु मोदी सरकार का व्यवहार अत्यंत निंदनीय है। सरकार हठवादी रूख अख्तियार किये हुए है ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के साथ स्वयं बात करना चाहिए, किसानों के हितों का ध्यान केंद्र सरकार को रखना होगा नहीं तो आंदोलन और तेज होगा।

सिंह ने कहा कि भाजपा को किसानों की अनदेखी का खामियाजा भुगतना पड़ेगा तथा वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों से मोदी सरकार को जनता का संदेश मिल जाएगा।

इस बीच प्रदेश के नोएडा में भी तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के धरने को 6 माह पूरे होने के विरोध में आज किसानों व श्रमिक संगठनों ने जगह-जगह काला दिवस मनाकर अपना विरोध प्रकट किया।

भाषा सं जफर रंजन

रंजन