बाबा साहब सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास भाजपा सरकार की नाटकबाजी: मायावती

बाबा साहब सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास भाजपा सरकार की नाटकबाजी: मायावती

  •  
  • Publish Date - June 29, 2021 / 08:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

लखनऊ, 29 जून (भाषा) बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर स्मारक सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास को भाजपा सरकार की नाटकबाजी करार देते हुए आरोप लगाया कि छलावे, नाटकबाजी और दलितों-पिछड़ों का हक मारने के मामले में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को यहां लोकभवन में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित होने वाले भारत रत्न डॉ आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी।

बसपा प्रमुख ने मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया ” आम्बेडकर व उनके करोड़ों शोषित-पीड़ित अनुयायियों का सत्ता के लगभग पूरे समय उपेक्षा व उत्पीड़न करते रहने के बाद अब विधानसभा चुनाव के नजदीक उप्र भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर ’सांस्कृतिक केन्द्र’ का शिलान्यास करना यह सब नाटकबाजी नहीं तो और क्या है।”

मायावती ने कहा, ” बसपा डॉ. आम्बेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा है। उप्र सरकार अगर यह काम पहले कर लेती तो माननीय राष्ट्रपति जी आज इस केंद्र का शिलान्यास नहीं बल्कि उद्घाटन कर रहे होते तो यह बेहतर होता।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ”वैसे इस प्रकार के छलावे व नाटकबाजी के मामले में चाहे भाजपा की सरकार हो या सपा अथवा कांग्रेस आदि की, कोई किसी से कम नहीं, बल्कि दलितों व पिछड़ों आदि का हक मारने व उनपर अन्याय-अत्याचार आदि के मामले में वे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, जो सर्वविदित है तथा यह अति दुःखद।”

बसपा प्रमुख ने दावा किया ”इसी का परिणाम है कि दलित व पिछड़ों के लिए आरक्षित लाखों सरकारी पद अभी भी खाली पड़े हैं तथा इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर उप्र में बसपा सरकार द्वारा निर्मित विश्व स्तरीय भव्य स्थलों व पार्कों आदि की घोर उपेक्षा पिछले सपा शासनकाल से ही लगातार जारी है जो अति-निन्दनीय है।”

भाषा आनन्द

मनीषा शाहिद

शाहिद