अंडा वितरण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब घरों तक पहुंचाकर दिया जाएगा अंडा

अंडा वितरण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब घरों तक पहुंचाकर दिया जाएगा अंडा

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  • Publish Date - July 15, 2019 / 04:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक ओर जहां स्कूलों में मध्यन्ह भोजन में अंडा दिए जाने का लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। वहीं, दूसरी ओर अब सरकार घरों में अंडा बांटने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार ने स्कूलों और आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के घरों में अंडा बांटने का निर्णय लिया है। सरकार ने यह फैसला विधायक दल की बैठक में सहमति के बाद लिया है। सभी विधायकों ने घरों में अंडा पहुंचाने की राय दी है।

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गौरतलब है कि सरकार ने छत्तीसगढ़ में कुपोषण दूर करने के लिए मध्यान्ह भोजन और आंगनबाड़ी के बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार में अंडा दिए जाने का फैसला लिया है। देश में काम कर रहे 37 सामाजिक-राजनीतिक संगठनों ने अंडा वितरण का समर्थन किया है। संगठनों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में 38 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। आदिवासी समाज में ऐसे बच्चों की संख्या 44 प्रतिशत हैं। प्रदेश के 83 प्रतिशत लोग अंडा खाते हैं। पड़ोसी राज्यों में स्कूलों में मध्यान भोजन और आंगनबाड़ी केंद्रों में कई वर्षों से अंडा दिया जा रहा है। ऐसे में इसका विरोध ठीक नहीं है। इन संगठनों में भोजन का अधिकारी अभियान, जन स्वास्थ्य अभियान, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा आदि शामिल हैं।

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वहीं, दूसरी ओर बीते गुरुवार को कबीरपंथ व साहू समाज के लोग करीब सौ से अधिक की संख्या में कलक्टोरेट पहुंचे। यहां परिसर में ही वे धरने पर बैठकर कलक्टर से मिलने का आग्रह करते रहे। करीब आधी घंटे तक प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने पांच लोगों को मिलने बुलाया। उनकी बातों को सुना और ज्ञापन लेते हुए शासन तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन की प्रतिलिपि पूर्व मुख्यमंत्री व राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडेय व जिला शिक्षा अध्किारी को भी प्रेषित किया गया है।

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प्रदर्शनकारियों ने इसे तत्काल मीनू से हटाने की मांग रखी है। जल्द इस निर्णय को सरकार द्वारा वापस नहीं लिया जाता है, तो कबीर पंथ के आचार्य प्रकाश मुनी साहेब 17 जुलाई को दामाखेड़ा में रायपुर बिलासपुर राष्ट्रीय राजगार्म पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठेंगे।

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