कोर्ट मार्शल सैनिकों की याचिका खारिज, नहीं मिलने दिया जाएगा परिवार से | hc :Court martial soldiers dismiss petition

कोर्ट मार्शल सैनिकों की याचिका खारिज, नहीं मिलने दिया जाएगा परिवार से

कोर्ट मार्शल सैनिकों की याचिका खारिज, नहीं मिलने दिया जाएगा परिवार से

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : April 16, 2019/6:58 am IST

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सेना से कोर्ट मार्शल होने के बाद जेल में सजा काट रहे दो सैनिकों की याचिका खारिज कर दी है। सेना में विद्रोह के आरोप में छत्तीसगढ़ के रहने वाले दोनों सैनिकों का कोर्ट मार्शल किया गया था और सेना के कानून के अनुसार दोनों को दस दस वर्ष की सजा सुनायी गयी है। छत्तीसगढ़ का होने के कारण दोनों को स्थानीय जेल में शिफ्ट किया गया है।
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इस दौरान जेल में बंद रहते हुए दोनों सैनिकों ने अपने परिजनों से मिलने के लिए पैरोल मांगी थी जिसे जेल प्रबंधन ने सेना मुख्यालय को भेज दिया था। सेना से इस आवेदन को निरस्त कर दिया था जिसके बाद अनीश बुंदेल और रोहित ठाकुर ने हाईकोर्ट में सेना के फैसले के खिलाफ याचिका लगायी थी। याचिका पर सुुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संजय के अग्रवाल ने याचिका को खारिज कर दिया है। इन सैनिकों को देश के अन्य तीस सैनिकों के साथ आर्मी एक्ट की धारा 37ए के तहत विद्रोह का दोषी माना गया था और उसके बाद कोर्ट मार्शल कर इन्हें दस वर्ष की सजा सुनायी गयी थी। सजा के खिलाफ सैनिकों की अपील अभी भी सैनिक अदालत में लंबित है।